कानपुर। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के शहीद हाेने के अगले ही दिन योगी सरकार एक्शन में आ गई है। आठ पुलिस वालों को जान से मारने के मुख्य आरोपी और 50 हजार इनामी विकास दुबे के कानपुर स्थित आलीशान घर को मिनटों में जमींदोज कर दिया। घर में खड़ी लग्जरी कारों को भी तोड़ दिया है।
पुराने घर को विकास ने बना रखा था बंकर
बिकरू गांव के शातिर बदमाश विकास दुबे ने पुराने घर को बंकर बना रखा था। नया घर बन जाने के कारण पुराना घर करीब एक फुट गड्डे में चला गया है।सुरक्षित करने के लिए पुराने घर में भी तीन ओर से दरवाजे लगे हैं। यदि कोई एक दरवाजे पर खटखटाए तो दूसरे दरवाजे से सुरक्षित निकला जा सकता है। इसी घर में गोला बारूद जमा था। छतों से हथियारबंद बदमाशों इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया। पुराने घर में दाखिल होने के तीन दरवाजे हैं। दो दरवाजे नए घर की ओर खुलते हैं और एक गांव की ओर। नए घर से दाखिल होने वाले गेट के पास ही एक लकड़ी की संदूक में खाना रखा था। प्लेट में रोटी और चावल बिखरा हुआ था। अनुमान लगाया जा रहा है कि विकास के यहां कैंप किए लोगों के खाने की व्यवस्था की गई थी।
कॉल डिटेल के आधार पर 12 संदिग्धों को पुलिस ने लिया हिरासत में
चौबेपुर के बिक्ररू गांव में 8 पुलिसकर्मी शहीद होने के मामले में एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस ने 2200 नम्बरों को सर्विलांस पर लिया है। 100 ऐसे लोग चिह्नित किए गए हैं जो उसके करीबी हैं। उनके मोबाइल नम्बरों को लिसनिंग पर लिया गया है। इस आधार पर पुलिस ने 12 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनसे लगातार पूछताछ जारी है। उधर सूत्रों के अनुसार विकास दुबे की कॉल डिटेल में कई पुलिस वालों के नंबर मिले हैं। पता चला है कि मुठभेड़ की रात तक 24 घंटे में इन लोगों से विकास दुबे की कई बार बातचीत हुई। आईजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि विकास और उसके गुर्गों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है। बहुत जल्द वह पुलिस के हाथों में होगा।हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके शूटर गैंग ने जिस तरह से जघन्य हत्याकांड को प्लानिंग के तहत अंजाम दिया, उसने पुलिस विभाग की गोपनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। अधिकारियों को आशंका है कि पुलिस महकमे के ही किसी भेदिए ने चौबेपुर थाने से फोर्स के चलने और गांव पहुंचने तक पल-पल की मूवमेंट की जानकारी विकास दुबे को दी थी।
दो हजार वर्ग मीटर में था घर :
यूपी के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों का हत्यारोपी विकास दुबे का बिकरू गांव में लगभग 2000 वर्ग मीटर में है घर है। सुरक्षा घेरा इतना हाई-फाई है जैसे किसी हाई सिक्योरिटी वाले किले जैसी हो। घर के बाहर का कोई ऐसा कोना नहीं जो हाई रिजोल्यूशन नाइट विजन सीसीटीवी कैमरे से लैस न हो। अभेध सुरक्षा वाला घर पुलिस ने धड़ाधड़ जेसीबी से मिनटों में जमीदोज कर डाला। विकास ने पुराने घर को बंकर बना रखा था। नया घर बन जाने के कारण पुराना घर करीब एक फुट गड्डे में चला गया है। सुरक्षित करने के लिए पुराने घर में भी तीन ओर से दरवाजे लगे हैं। यदि कोई एक दरवाजे पर खटखटाए तो दूसरे दरवाजे से सुरक्षित निकला जा सकता है। इसी घर में गोला बारूद जमा था। छतों से हथियारबंद बदमाशों इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया।
चाराें तरफ कैमरे :
विकास ने आठ कैमरे तो सिर्फ घर के बाहर फ्रंट से लेकर बगल में लगा रखे थे। दो कैमरे मेन गेट के भीतर दाखिल होने पर मेन बिल्डिंग के सामने परिसर के भीतर लगे हैं। हालांकि इसमें से एक टूटा हुआ मिला है। एक कैमरा मेन बिल्डिंग के ठीक पीछे लगा है। एक कैमरे परिसर के भीतर साइड में बने गेट के बाहर लगा है जो शिवली मार्ग की तरफ निकलता है। यानि किसी भी मार्ग से कोई आए उसके लिए बहुत आसान है इस बात का पता लगाना कि किधर क्या हलचल है।