चंडीगढ़ । जम्मू-कश्मीर के डीएसपी देवेंद्र सिंह के साथ गिरफ्तार हिज्बुल आतंकी नवीद बाबू से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि नवीद का भाई चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रहा है. उसके मां-बाप दिल्ली में रहते हैं. पूछताछ में पता चला है कि नवीद अपने माता-पिता से मिलना चाहता था. पिछले साल उसने जम्मू में अपने माता-पिता के साथ भी वक्त गुजारा था. इस दौरान डीएसपी देवेंद्र सिंह ने उसकी मदद की थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि नवीद ने कश्मीरी आतंकवादियों के फंडिंग के बारे में कई अहम खुलासा किया है. यह पैसा स्थानीय स्तर पर एकत्र किया जाता है. जांच एजेंसियों ने हथियार सप्लायर और कोरियर के बारे में भी जानकारी दी है. जांच एजेंसियों को पता चला है कि देवेंद्र सिंह आतंकियों के साथ मिलकर सिर्फ दिल्ली को दहलाने की साजिश नहीं रच रहा था, बल्कि उसके निशाने पर जम्मू, पंजाब और चंडीगढ़ भी थे.
कई राज्यों में धमाके की साजिश
सूत्रों से जांच एजेंसियों को जो जानकारी मिली है, उसमें कहा गया है कि आतंकियों को दिल्ली के अलावा कई और राज्यों में भी धमाके करने का जिम्मा दिया गया था. इस पूरी वारदात को अंजाम देने के लिए कई और आतंकियों को शामिल किया जाना था लेकिन उसके पहले ही इसका पर्दाफाश हो गया. लिजाहा जांच एजेंसियां डीएसपी की गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी मान कर चल रही हैं.
नहीं दिया कोई सम्मान
दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को मीडिया की कुछ खबरों का खंडन करते हुए साफ किया कि डीएसपी देंवेंद्र सिंह को गृह मंत्रालय ने कभी किसी पदक से सम्मानित नहीं किया था. हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी नवीद बाबू के साथ संबंधों के चलते शनिवार को डीएसपी देवेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस के मुताबिक, पुलवामा में जब वह डीएसपी के रूप में तैनात था, तब 25-26 अगस्त 2017 को यहां आतंकवादियों की ओर से एक फिदायीन हमले का सामना करने में उनकी भागीदारी के लिए उन्हें पदक दिया गया था. मीडिया के एक वर्ग ने यह खबर चलाई थी कि पिछले साल देवेंद्र सिंह को वीरता के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.