चेन्नई। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का देशभर के कई इलाकों में विरोध हो रहा है. तमिलनाडु में विपक्ष के नेता एक मंच पर आकर मोदी सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करेंगे. चेन्नई में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की अगुवाई में हो रहे प्रदर्शन में पार्टी अध्यक्ष एमके स्टालिन, एमडीएमके के वाइको, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम समेत कई वामपंथी दलों के नेता पहुंच गए हैं. सभी नेता सीडीएमए भवन से राजरत्न स्टेडियम तक मार्च निकालेंगे. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं. 5000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
पिछले हफ्ते चेन्नई में सभी विपक्षी दलों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद स्टालिन ने कहा कि बैठक में संकल्प लिया गया कि सीएए को रद्द करवाया जाए और 23 दिसंबर को इसे रद्द करने की मांग को लेकर जुलूस निकाला जाएगा.
स्टालिन के मुताबिक, सीएए को लेकर दो सवाल हैं- मुस्लिमों को शरणार्थी क्यों नहीं माना गया और श्रीलंका को पड़ोसी देश में क्यों नहीं रखा गया? स्टालिन ने कहा कि विधेयक को राज्यसभा में समर्थन देकर सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और पीएमके ने मुस्लिमों और श्रीलंकाई तमिलों को धोखा दिया है.
जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के.पलनीस्वामी के बयान का जिक्र किया गया कि कोई भारतीय सीएए से प्रभावित नहीं होगा तो डीएमके नेता ने कहा कि यह आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार के साथ हैं.