नई दिल्ली। मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस विजया के ताहिलरमानी ने सुप्रीम कोर्ट कलिजियम के उस फैसले पर नाराजगी जताई है, जिसमें उनका ऐतिहासिक मद्रास हाई कोर्ट से मेघालय हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। इस फैसले के विरोध में चीफ जस्टिस ताहिलरमानी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे की एक कॉपी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई भी भेजी है।
जस्टिस ताहिलरमानी को 26 जून 2001 को महज 43 साल की उम्र में बॉम्बे हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। 12 अगस्त 2008 को उन्हें मद्रास हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। देश की 25 हाई कोर्ट में जस्टिस ताहिलरमानी और जस्टिस गीता मित्तल अकेली महिला चीफ जस्टिस हैं। जस्टिस ताहिलरमानी को 2 अक्टूबर 2020 को रिटायर होना था, इसका मतलब है कि उन्होंने करीब एक साल पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
बता दें कि 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली कलिजियम, जिसमें जस्टिस एसए बोबड़े, एनवी रमना, अरुण मिश्रा और आरएफ नरीमन भी शामिल थे, ने मेघालय हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऐके मित्तल का मद्रास हाई कोर्ट ट्रांसफर किया था। इसके साथ ही जस्टिस ताहिलरमानी का तबादला मेघायल हाई कोर्ट कर दिया गया था।
मेघालय हाई कोर्ट में चार जज शामिल हैं, जबकि मद्रास हाई कोर्ट में 75 जज हैं। अपने इस्तीफे में जस्टिस ताहिलरमानी राष्ट्रपति से उन्हें तत्काल कार्यमुक्त करने का निवेदन किया है। राष्ट्रपति ने उनके इस्तीफे को आगे की कार्रवाई के लिए सरकार को बढ़ा दिया है।