विशेष संवाददाता
मुंबई। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन एक बार फिर सत्ता में काबिज होगी। विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तीनों दलों ने बेहतर प्रदर्शन किया और विपक्षी गठबंधन के घटक दलों को बड़े अंतर से पीछे छोड़ा है। देश पर दस साल शासन करने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर मतदाताओं का ना सिर्फ भरोसा बरकरार है, बल्कि इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने खूब लोकलुभावन वादे किए और रेवड़ियां बांटी। इसके बावजूद बीजेपी के शानदार प्रदर्शन ने फिर साबित कर दिया है कि मतदाताओं के बीच मोदी लहर कायम है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की आंधी में महाविकास अघाड़ी गठबंधन उड़ सा गया है। राज्य में महायुति 233 सीटों पर आगे है, जबकि महाविकास अघाड़ी सिर्फ 48 सीटों पर सिमट गई है। बीजेपी 133 सीटों पर, शिवसेना शिंदे 57 सीटों पर और अजीत पवार की एनसीपी 41 सीटों पर आगे है। इससे साफ है महाराष्ट्र में एक बार फिर से महायुति की सरकार बनने जा रही है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति की प्रचंड जीत में कांग्रेस को गुजरात वाली चोट मिली है। 2022 के गुजरात विधानसभा चुनावों कांग्रेस सिर्फ 17 सीटें जीत पाई थी। इसके बाद राज्य की सत्ता में 25 साल से बाहर कांग्रेस के हाथों से नेता विपक्ष का पद भी चला गया था। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों में भी कुछ ऐसी स्थिति उभरी है। विपक्ष गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को कोई भी घटक जरूरी 29 सीटों के आसपास पहुंचता नहीं दिख रहा है। नियमानुसार संसद और विधानसभा में नेता विपक्ष के लिए 10 फीसदी सीटों का होना आवश्यक है। महाराष्ट्र में कम से 29 सीटों होनी चाहिए। कांग्रेस को 25 सीटों के अंदर सिमटती गई है। ऐसे में सवाल खड़ हो गया है कि जिस महाविकास आघाड़ी में सीएम बनने के लिए लड़ाई थी। उसके घटक दल नेता विपक्ष की हैसियत भी नहीं रख पाए।
महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने विधानसभा चुनावों में महाराष्ट्र से गुजरात की तरफ निवेश, कारखाने और नौकरियां जानें को चुनावी मुद्दा बनाया था, लेकिन एमवीए का यह दांव उल्टा पड़ा। महायुति को 220 से अधिक सीटें मिलती दिख रही है तो वहीं एमवीए 50 के आसपास सिमट गया है। राहुल गांधी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के 99 सीटें हासिल करने के बाद नेता विपक्ष बन पाए थे। लोकसभा में 13 सीटें जीतने वाली कांग्रेस की यह दुर्गति होगी यह शायद किसी ने नहीं सोचा था। गुजरात के बाद कांग्रेस महाराष्ट्र में भी कमजोर स्थिति में पहुंच गई है। महाराष्ट्र में कांग्रेस ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में महायुति की जीत के बाद गठबंधन के नेता एक साथ सामने आए, इस दौरान सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सभी नेताओं ने राज्य की जनता का आभार जताया और एक-दूसरे के प्रति कृतज्ञता भी जताई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा, लड़की बहन योजना हमारे लिए गेम चेंजर साबित हुई। इसने हमारे हर विरोधी को परास्त कर दिया। मैंने अपनी याददाश्त में ऐसी जीत नहीं देखी। हम जीत से विचलित नहीं होंगे, लेकिन इससे हमारी जिम्मेदारी जरूर बढ़ गई है। हमें अब जिम्मेदारी से काम करना होगा। खासकर वित्तीय अनुशासन की जरूरत है, ताकि हम अपने सभी वादे पूरे कर सकें। हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। जो लोग ईवीएम को दोष दे रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि हम ईवीएम के कारण ही लोकसभा हारे थे और अब हम झारखंड भी ईवीएम के कारण ही हारे हैं। हम बहुत कम अंतर से कुछ सीटें हारे हैं। यह गठबंधन महाराष्ट्र के समग्र विकास के लिए अगले 5 साल तक साथ मिलकर काम करेगा।
महाराष्ट्र में बड़ी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस जीत को ऐतिहासिक बताया। इसी के साथ उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों को आश्वासन दिया कि गठबंधन राज्य की प्रगति के लिए काम करता रहेगा। बता दें कि विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को हार का सामना करना पड़ रहा है।