- इनकम टैक्स विभाग ने ‘सेंट्रल एक्शन प्लान’ लॉन्च किया.
- 5000 केसों की समीक्षा के लिए स्पेशल टीम बनाई जाएगी.
- इन मामलों में कुल 4300000 करोड़ की टैक्स डिमांड है.
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। इनकम टैक्स विभाग बकाया वसूली को लेकर सख्त नजर आ रहा है. आईटी डिपार्टमेंट ने अपने अधिकारियों से 4300000 करोड़ की टैक्स डिमांड वाले 5000 मामलों पर फोकस करने को कहा है. दरअसल विभाग इस कवायद के जरिए रिकवरी में सुधार और मुकदमेबाजी में फंसी राशि को कम करना चाहता है. इस मामले में हाई रैंक अधिकारियों को स्पेशल टीम बनाकर ऐसे मामलों की समीक्षा के बाद उनकी लिस्ट सितंबर के आखिरी तक सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स विभाग को सौंपने को कहा गया है.
आयकर विभाग की ये सारी कवायद सेंट्रल एक्शन प्लान के तहत की जा रही है. इसे उद्योग और सरकार दोनों के बीच मुकदमेबाजी के बोझ को कम करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.
4300000 करोड़ की वसूली
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ‘सेंट्रल एक्शन प्लान’ के तहत खासतौर पर टॉप 5,000 टैक्स डिमांड वाले मामलों पर नजर रखेगा, जिनसे ₹43 लाख करोड़ से अधिक की वसूली की जानी है. यह कुल टैक्स डिमांड का लगभग 60% है. सूत्रों ने बताया कि इन मामलों के सेटलमेंट के लिए प्रत्येक क्षेत्राधिकार इन मामलों का विश्लेषण करने के लिए एक स्पेशन टीम बनाएगा.
क्या है सेंट्रल एक्शन प्लान
इंडस्ट्री और सरकार दोनों के लिए मुकदमेबाजी के बोझ को कम करने के प्रयास के तहत आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सेंट्रल एक्शन प्लान (CAP) लॉन्च किया है. सूत्रों ने कहा कि इस योजना का मकसद ज्यादा कुशल, पारदर्शी और करदाता-अनुकूल प्रणाली बनाना है. इस प्लान में टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन को बढ़ाने, रेवेन्यू कलेक्शन को अनुकूलित करने, बकाया मांग के अंतर को कम करने और टैक्सपेयर सर्विसेज में सुधार करने जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं.
एकेएम ग्लोबल में टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा, “आयकर विभाग के इस एक्शन प्लान में लंबे समय से चल रहे मुकदमों से निपटने से संबंधित कई उपाय शामिल हैं.”