नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता अशोक गहलोत जल्द राहुल गांधी की जगह पार्टी के नए अध्यक्ष बन सकते हैं। कांग्रेस ने इस बारे में मन बना लिया है और अशोक गहलोत को इसके लिए तैयार रहने को भी कहा है। हालांकि इस बारे में तस्वीर अभी साफ नहीं है कि अशोक गहलोत अकेले कांग्रेस अध्यक्ष होंगे या दो-तीन और नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा, लेकिन इतना तय है कि अगले कुछ दिनों में कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने वाला है, जो गांधी परिवार से नहीं होगा।
गहलोत ने बुधवार को राहुल को जन्मदिन की बधाई देते हुए देश व जनहित में उनसे पार्टी प्रमुख बने रहने का आग्रह किया। लेकिन सूत्रों के अनुसार, मनाने की तमाम कोशिशों के बावजूद राहुल गांधी नहीं माने और उन्होंने साफ कर दिया कि जब तक पार्टी नया नेतृत्व नहीं चुनती है, तब तक नई शुरुआत मुमकिन नहीं है।
राहुल ने यह भी साफ कर दिया है कि उनके बदले प्रियंका गांधी के नाम पर भी विचार नहीं होगा। दरअसल नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली बीजेपी ने वंशवाद के मुद्दे पर कांग्रेस को लगातार घेरा है। ऐसे में राहुल गांधी के हटने और कांग्रेस के किसी सीनियर नेता को अध्यक्ष बनाने से यह मुद्दा हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा।
इसलिए गहलोत के पक्ष में बनी बात
* संगठन चलाने का पुराना अनुभव रहा है। साल 2017 में गुजरात असेंबली चुनावों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के पीछे उन्हीं का प्रयास माना गया।
* पिछड़ी जाति से आते हैं। कांग्रेस को अगर खोया जनाधार वापस पाना है, तो इसी समुदाय से वोट फिर हासिल करने की बड़ी चुनौती है।
* सोनिया और राहुल गांधी से बेहतर रिश्ते हैं। इसके अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं से भी उनके समीकरण ठीक हैं।
…तो सचिन होंगे राजस्थान के पायलट
सूत्रों के अनुसार, अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के बाद राजस्थान की कमान उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को दी जा सकती है। हाल के समय में गहलोत और पायलट गुट के बीच विवाद की कई खबरें आई हैं। पार्टी को लगता है कि गहलोत के अध्यक्ष बनने से यह समस्या भी दूर हो जाएगी।