विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । अपराध शाखा की एनडीआर टीम ने उम्रकैद के सजा मिलने के बाद पैरोल लेकर फरार चल रहे एक भगोड़े अपराधी को गिरफ्तार किया है।
क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविन्द्र सिंह यादव ने बताया कि नजफगढ़ निवासी अनिल कुमार शर्मा उर्फ पंडित – 42 को खरखौदा, सोनीपत, हरियाणा से गिरफ्तार किया है । उसे द्वारका नॉर्थ, दिल्ली के थाने में दर्ज हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। साल 2020 में जमानत मिलने के बाद उसने जेल अधिकारियों के सामने समर्पण नहीं किया और गिरफ़्तारी से बचने के लिए बार-बार अपने ठिकाने बदल रहा था। वह दो अन्य अपराधिक मामलों में भी शामिल रह चुका है। जिसमे से एक में उसे भगोड़ा घोषित किया गया था जबकि दूसरे मामले में उसके खिलाफ कुर्की की कार्यवाही चल रही थी।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि 14 जुलाई 2011 को द्वारका नॉर्थ, दिल्ली में एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई जिसमे कॉलर ने बतलाया कि द्वारका सेक्टर-12, वर्धमान प्लाजा, दिल्ली में दीपक नामक व्यक्ति को किसी ने गोली मार दी है। घायल को आयुष्मान अस्पताल, द्वारका ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। इस संबंध में थाना द्वारका नॉर्थ थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में नजफगढ़ निवासी अनिल कुमार शर्मा को गिरफ्तार किया गया बाद में मुकदमे की सुनवाई के दौरान उसे अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई।
कोविड-19 महामारी के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार उसे फरलो/पैरोल दी गई । लेकिन पैरोल पूरी करने के बाद जेल अधिकारियों के समक्ष समर्पण नहीं हुआ। ऐसे भगोड़े अपराधियों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने एक अभियान शुरू किया था ।
अपराध शाखा की एनडीआर टीम के प्रधान सिपाही सूर्य देव को गुप्त सूचना मिली कि भगोड़ा अपराधी अनिल कुमार शर्मा उर्फ पंडित हरियाणा के खरखौदा में छिपा हुआ है।
डीसीपी अमित गोयल ने एनडीआर के एसीपी उमेश बड़थ्वाल की देखरेख में एक टीम का गठन किया गया जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर राकेश शर्मा कर रहे थे । जिसमे सहायक उप-निरीक्षक अशोक, रविंदर, कृपाल, प्रधान सिपाही रविंदर, कमल, नाहनजी, सूर्यदेव, सुखबीर, राहुल, सिपाही सत्यवान और महिला सिपाही रीना शामिल थे।
मुखबिर की सूचना और तकनीकी निगरानी के बाद जाल बिछायाकर आरोपी अनिल कुमार शर्मा उर्फ पंडित को खरखौदा, सोनीपत, हरियाणा से पकड़ लिया गया।
डीसीपी गोयल ने बताया कि पूछताछ के दौरान, आरोपी ने बतलाया कि वह और दीपक (मृतक) दिल्ली के नजफगढ़ के क्षेत्र में एक सट्टा चलाते थे। जिसमें कमीशन के आधार पर दीपक (मृतक) को ग्राहक देता था । उस दिन वे दोनों वर्धमान प्लाजा, द्वारका में एक साथ शराब पी रहे थे, जहां आरोपी ने दीपक (मृतक) से लगभग 10 लाख रुपये की कमीशन की मांग की जिस वजह से उनके बीच झगड़ा हुआ और शराब के नशे में आरोपी ने दीपक (मृतक) पर गोली चला दी और मौके पर भाग गया।
आरोपी अनिल कुमार शर्मा उर्फ पंडित चपरासी के रूप में काम करता था। जेल में वह विनोद उर्फ संन्यासी नाम के अपराधी के संपर्क में आया। इसके बाद उसने संन्यासी के गिरोह में काम करना शुरू कर दिया और थाना पालम गांव के जबरन वसूली और हत्या के प्रयास के दो आपराधिक मामलों में शामिल रहा। फरारी के दौरान वह अपना हुलिया बदल कर हरियाणा के विभिन्न इलाकों में अपने ठिकाने बदल कर रह रहा था और इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम कर रहा था।