दिल्ली

खाली कराया गया दिल्ली का शाहीन बाग

नई दिल्ली : कोरोना वायरस की महामारी से भारत समेत पूरी दुनिया परेशान है. दुनिया की करीब दो अरब आबादी फिलहाल लॉकडाउन में है. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर लगभग पूरे भारत में भी लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. इस बीच नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में जो धरने प्रदर्शन महीनों से चल रहे थे, वो भी फिलहाल खत्म कराए जा रहे हैं.

सीएए-एनआरसी के खिलाफ पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र बना शाहीन बाग की महिलाओं का धरना भी 24 मार्च की सुबह सवेरे खत्म हो गया. पुलिस और सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद जब महिलाओं ने खुद धरना खत्म नहीं किया तो मंगलवार की सुबह भारी सुरक्षाबल शाहीन बाग पहुंचा और टेंट हटा दिया. इस तरह 15 दिसंबर से चला आ रहा इस धरने का फिलहाल अंत हो गया. अच्छी बात ये रही कि पुलिस शांतिपूर्ण तरीके से इस धरने को खत्म कराने में सफल रही.

शाहीन बाग के साथ ही दिल्ली पुलिस ने राजधानी के दूसरे हिस्सों में चल रहे धरनों को भी खत्म करा दिया. जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर भी रोड खाली करा दिया गया. इसके अलावा जाफराबाद, तुर्कमान गेट और हौजरानी का धरना भी पुलिस ने खत्म करा दिया. इस तरह लंबे समय से चले आ रहे ये सीएए विरोधी धरने कोरोना वायरस महामारी के अलर्ट के बीच खत्म करा दिए गए.
दिल्ली के बाहर वाले ‘शाहीन बाग’ भी खत्म

दिल्ली के शाहीन बाग का धरना खत्म होने से अलावा देश के बाकी हिस्सों में इसी तर्ज पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों का भी फिलहाल अंत हो गया है. यूपी के देवबंद से लेकर अलीगढ़ और प्रयागराज के धरनास्थल को खाली करा लिया गया है. मुंबई और लखनऊ में भी शाहीन बाग की तर्ज पर हो रहा विरोध प्रदर्शन खत्म हो गया है. लखनऊ में घंटाघर के धरनास्थल पर पीएसी का कैंप लगा दिया गया है.

सीएए विरोधी ये धरने फिलहाल खत्म

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दिल्ली के अलावा बाकी तमाम जगहों पर पुलिस की अपील के बाद महिलाओं ने खुद ही धरना खत्म कर दिया है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा है कि वो कोरोना वायरस के चलते ऐसा कर रही हैं, सीएए के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी और कोरोना का खतरा टल जाने के बाद वो फिर से अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाएंगी.

जमीयत उलेमा-ए हिंद ने की थी अपील

जमीयत उलेमा-ए हिंद देवबंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना असद मदनी ने कोरोना वायरस के चलते सीएए विरोधी धरना प्रदर्शन खत्म करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि फिलहाल देश के अंदर कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी फैली रही है और जो सीएए-एनपीआर के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे हैं उन्हें फिलहाल अपना प्रोटेस्ट स्थगित कर देना चाहिए और जब देश के हालात ठीक हों तो फिर दोबारा अपने प्रदर्शन करने चाहिएं.

जमीयत की अपील पर कई जगहों के धरने खत्म कर दिए गए हैं. जबकि कुछ शहरों में अब भी प्रदर्शनकारियों को मनाया जा रहा है. जहां लोग जिद पर अड़े हैं तो उनके खिलाफ कानून कार्रवाई भी की जा रही है.

मुरादाबाद में केस दर्ज

रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बावजूद मुरादाबाद के ईदगाह मैदान में CAA के विरोध में चल रहे धरना प्रदर्शन में हजारों की संख्या में लोग नजर आए. इस दौरान जमकर नारेबाजी भी हुई. इसके बाद पुलिस ने एक्श लेते हुए 12 आयोजकों सहित 162 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया.

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