नोएडा। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए), विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तमाम प्रयासों के बाद भी नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 401 दर्ज किया गया, जो एनसीआर में दूसरे नंबर पर रहा। पहले नंबर पर 410 एक्यूआई के साथ गाजियाबाद रहा। शाम छह बजे तक पीएम-10 यानी वातावरण में बड़े धूल के कणों की संख्या 550 के पास रही। इससे लोगों को सांस लेने में थोड़ी परेशानी महसूस हुई।
पानी का छिड़काव, निर्माण और कूड़ा जलाने पर रोक के बाद भी शहर में दोबारा प्रदूषण में इजाफा होने लगा है। पंजाब और हरियाणा में जलाई गई पराली का असर अब तक नोएडा देखा जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, यदि जल्द ही बारिश व तेज हवाएं नहीं चली तो यह प्रदूषण बेहद खतरनाक हो जाएगा। वहीं, प्रदूषण के कारण अस्पतालों में एक बार फिर मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।
प्रदूषण का आलम यह है कि दिनभर शहर में स्मॉग छाया रहता है। हालांकि, दो दिनों में प्रदूषण के स्तर में कमी आने की उम्मीद है। सोमवार को प्रदूषण विभाग ने 6 साइट पर एक लाख 20 हजार का जुर्माना लगाया है। ये सभी साइटें सेक्टर-63 स्थित ई-ब्लॉक की हैं।
प्राधिकरण ने अपने ही ठेकेदार पर लगाया 10 हजार जुर्माना
प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध है। बावजूद इसके, सेक्टर-54 में नोएडा प्राधिकरण का एक ठेकेदार शौचालय का निर्माण करा रहा था। एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में प्राधिकरण ने अपने ही ठेकेदार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। नोएडा प्राधिकरण के वर्क सर्किल 5 के जेई मुकेश वैश्य ने बताया कि ठेकेदार ने नियम तोड़े थे। इसलिए जुर्माना लगाया गया है। वहीं, शहर के सभी ठेकेदारों को नोटिस जारी किया गया है कि जब तक प्रदूषण स्तर कम नहीं हो जाता और निर्माण कार्यों से पाबंदी हट नहीं जाती तब तक किसी भी तरह का निर्माण नहीं किया जाएगा।
शहर एक्यूआई
गाजियाबाद 410
नोएडा 401
ग्रेटर नोएडा 392
दिल्ली 377
फरीदाबाद 362