नई दिल्ली। निगमीकरण एवं निजीकरण की प्रक्रिया के तहत रेल मंत्रालय ने विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की आवश्यकता का नए सिरे से आकलन कर नॉन-कोर गतिविधियों को आउटसोर्स करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।
रेलवे कर्मचारियों के लिए नए मानदंड
इसके लिए रेलवे बोर्ड की ओर से विभिन्न कार्यो के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता के नए मानदंड निर्धारित किए गए हैं। महाप्रबंधकों से कहा गया है कि वे नए मानदंडों के मुताबिक हर विभाग में विभिन्न कार्यो के लिए आवश्यक कर्मचारियों की संख्या का नए सिरे से आकलन कर इस बात का पता लगाएं कि कहां कितने कार्यो को आउटसोर्स किया जा सकता है। ताकि रेलवे को फालतू सरकारी कर्मचारियों को बोझ से मुक्त कर वेतन और अन्य खर्चो में कमी की जा सके।
कोर गतिविधियों में भी नए मानक
उदाहरण के लिए ओएचई नॉन पावर ब्लॉक, ओएचई के अन्य कार्य, पीएसआइ मेंटीनेंस एवं पीएसआइ आपरेशन तथा टीपीसी, ड्राइंग तथा तकनीकी एवं क्लेरिकल स्टाफ व हेल्पर के कार्य आउटसोर्स कर्मचारियों को सौंपने को कहा गया है। कोर गतिविधियों में भी नए मानकों के अनुसार इलेक्टि्रक लोको तथा कोच के मेंटीनेंस के लिए इलेक्टि्रक एवं मैकेनिकल कर्मचारियों की संख्या भी अब पहले से कम होगी।
कर्मचारियों का नए सिरे से आकलन
रेलवे में कर्मचारियों के पुनराकलन की ये मुहिम सरकार के उस आदेश के बाद शुरू हुई है जिसमें सभी मंत्रालयों से अपने यहां विभिन्न विभागों में कर्मचारियों का नए सिरे से आकलन कर फालतू कर्मचारियों में कमी करने तथा गैर-कोर गतिविधियों को आउटसोर्स करने को कहा गया है।
अक्षम कर्मचारियों और अधिकारियों को रिटायर करने की मुहिम
ताजा मुहिम रेलवे में मार्च, 2020 तक 55 वर्ष से अधिक उम्र अथवा 30 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले अक्षम कर्मचारियों और अधिकारियों को रिटायर करने के 27 जुलाई के पिछले आदेश के कार्यान्वयन के बीच में शुरू हुई है।
3 लाख रेलवे कर्मचारियों की होगी छंटनी
सरकार की ओर से लोकसभा में जवाब दिया गया था कि रेलवे में 13 लाख कर्मचारी हैं। और सरकार इनकी संख्या को घटाकर 10 लाख करना चाहती है। इसके लिए 2014 से 2019 के बीच ग्रुप ए तथा ग्रुप बी के 1.19 लाख अधिकारियों के कामकाज, शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य, हाजिरी तथा समयपालन की समीक्षा की गई है।
अधिकारियों को समय से पहले रिटायर
सेवा नियमावली की ‘प्रीमेच्योर रिटायरमेंट क्लॉज’ के तहत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए इनमें से अक्षम अधिकारियों को समय से पहले रिटायर करने का निर्णय लिया गया है।
छंटनी की बुनियाद 2016 में रखी गई थी
रेलवे में कर्मचारियों की संख्या कम करने तथा नॉन-कोर गतिविधियों को आउटसोर्स करने का आधार उसी दिन तैयार हो गया था जब 2016 में रेल बजट को खत्म कर इसे आम बजट का हिस्सा बना दिया गया था। तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने तब कहा था कि ‘रेलवे का मुख्य कार्य ट्रेनें चलाना है। जो चीजें इस मुख्य गतिविधि का प्रत्यक्ष हिस्सा नहीं हैं उन्हें आउटसोर्स किया जा सकता है। दुनिया भर में यही चलन है।’
भारतीय रेल को कुशल और प्रतिस्पर्द्धी बनना होगा
सरकार का मानना है कि यदि भारतीय रेल को जापान और चीन से मुकाबला करना है तथा जनता को विश्वस्तरीय और हाईस्पीड सेवाएं प्रदान करनी है तो उसे कुशल और प्रतिस्पर्द्धी बनना होगा।
रेलवे के कार्य अनुबंध पर निजी कंपनियों को सौंप दिए जाएंगे
आवश्यक है कि वे कार्य अनुबंध पर निजी कंपनियों को सौंप दिया जाएं जिनका सीधा संबंध ट्रेन आपरेशन से नहीं है। इंजन, वैगन और डिब्बों का निर्माण, पार्सल, स्टेशनों, कालोनियों, अस्पतालों तथा स्कूलों का प्रबंधन एवं रखरखाव जैसे अनेक कार्य इसी श्रेणी में आते हैं।