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सोशल मीडिया पर महिलाओं से दोस्‍ती करके उनकी प्राइवेट फोटो और वीडियों को वायरल करने के नाम पर ब्‍लैकमेल करने वाले नाइजीरियन गिरोह का भंडाफोड

संवाददाता

नई दिल्‍ली। दिल्‍ली पुलिस स्‍पेयाल की आईएफएसओ यूनिट ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में नाइजीरियाई गैंग के जबरन वसूली नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। पुलिस टीम ने एक मास्टरमाइंड का गिरफ्तार किया है जिसने फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल बनाई और जबरन वसूली मैसेज भेजकर एक शिकायतकर्ता से सवा दो लाख रूपये की उगाही की। बताया जा रहा है कि यह गिरफ्तारी नाइजीरियाई जबरन वसूली गिरोहों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो पीड़ितों के आपत्तिजनक  वीडियो प्राप्त करते हैं और फिर उनसे जबरन वसूली करते हैं।

आईएफएसओ डीसीपी डॉ. हेमंत तिवारी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी की पहचान नाइजीरियन इवांस के रूप में जो ग्रेटर नोएडा की ओमीक्रॉन सोसाइटी में रहता है। उसके खिलाफ शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उनकी चचेरी बहन को इंस्टाग्राम पर एक अज्ञात आरोपी व्यक्ति ने धोखा दिया और उससे 2.25 लाख रुपये की फिरौती लेकर धोखाधड़ी की। आरोपी ने पीड़िता को उसकी व्यक्तिगत तस्वीरें/वीडियो साझा करने के लिए उकसाया और निजी तस्वीरें/वीडियो हासिल करने के बाद  आरोपी ने पीड़िता को पैसे वसूलने के लिए धमकी और ब्लैकमेल करना शुरू किया और सोशल मीडिया पर उन तस्वीरों- वीडियों को वायरल होने से बचाने के लिए भारी फिरौती की मांग की। आरोपी ने इंस्टाग्राम आईडी के जरिए 2 आपत्तिजनक वीडियो अपलोड किए । जिसके बाद थाना स्पेशल सेल दिल्ली में मामला  दर्ज कर आईएफएसओ की टीम ने कार्यवाही आरम्भ की। एसीपी जय प्रकाश की देखरेख में उपनिरीक्षक मनोज, प्रधान आरक्षी संजय, जितेंद्र और कृषण कुमार की एक टीम तैयार की गयी।

जांच के दौरान मुकदमे में शामिल सोशल मीडिया अकाउंट्स का विश्लेषण किया गया। इस प्रक्रिया के दौरान आईएफएसओ यूनटि ने विभिन्न भागों से कई सोशल मीडिया व बैंक खाता धारकों से पूछताछ की और संबंधित जानकारी एकत्र की। कथित इंस्टाग्राम अकाउंट का विवरण मेटा प्लेटफ़ॉर्म से प्राप्त किया गया और तकनीकी जाँच के आधार पर, संदिग्ध का ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में उपस्थित होना मालूम चला। जो तकनीकी पदचिह्नों के आधार पर गहन विश्लेषण करके कथित व्यक्ति की पहचान की गयी ओर उसे गिरफ्तार करके पूछताछ की गई। उसने अपराध में शामिल होना स्वीकार किया।

आरोपी से गहन पूछताछ करने पर उसने अपराध में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली। वह तीन साल पहले बिजनेस वीजा पर भारत आया था और बार-बार  अपना पता बदलते हुए दिल्ली एनसीआर के कई हिस्सों में रहा । उसने खुलासा किया कि उसने अपने भाई, सुले, की मदद से एक इंस्टाग्राम आईडी  बनाई और पीड़ित लड़की से दोस्ती करके उसके आपत्तिजनक वीडियो प्राप्त किए। उन वीडियो के आधार पर, उसने पीड़ित से पैसे वसूले और फर्जी दस्तवेज़ों के आधार पर खुलवाये गए विभिन्न इंडियन बैंक खातों में जमा कराए। उसके कब्‍जे से दो मोबाइल फ़ोन, एक ब्रॉड बैंड बरामद किया गया है।

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