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दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो और रैपिड रेल के ट्रैक से तांबे के केबल चुराने वाले गैंग का पर्दाफाश

गाजियाबाद क्राइम ब्रान्च ने मुठभेड़ के बाद 9 बदमाश पकड़े, 1 घायल, चोरी का माल भी बरामद

संवाददाता

गाजियाबाद। क्राइम ब्रान्च पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद ने मैट्रो/रैपिड मैट्रो ट्रेन के ट्रैक से बिजली के ताँबे वाले केबिल व अन्य सामान चोरी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के साथ पुलिस मुठभेड के 9 आरोपियों को गिरफ्तार है। पुलिस टीम के साथ मुठभेड में 1 शातिर बदमाश घायल हुआ है। आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में रैपिड एक्स से चोरी का माल, चोरी करने मे प्रयोग किये जाने वाले उपकरण व अवैध असलाह व कारतूस बरामद किए गए है।

एडीसीपी क्राइम ब्रांच सच्चिदानंद बर्नवाल ने बताया कि मंगलवार को क्राइम ब्रॉन्च के इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान सिद्दीक़ी की टीम ने गाजियाबाद व दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में रैपिड मैट्रो ट्रेन के ट्रैक से बिजली के ताँबे के केबिल व अन्य सामान चोरी करने वाले और चोरी के माल की खरीद-फरोख्त करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने 6 शातिर चोरों को पुलिस मुठभेड में व चोरी का माल खरीदने वाले 3 कबाडियों सहित कुल 9 अभियुक्तों को रेलवे अण्डर पास वसुन्धरा रैपिड ट्रेन की लाईन के पास थाना इन्दिरापुरम क्षेत्र से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

गिरफ्तार आरोपियों में से एक समीर मुठभेड के दौरान पैर मे गोली लगने से घायल हो गया। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से रैपिड मैट्रो ट्रेन के ट्रैक से चोरी किये हुए बिजली के ताँबे के केबिल व चोरी करने में प्रयुक्त उपकरण तथा नाजायज तमंचे, जिन्दा व खोखा कारतूस आदि बरामद किये गये।

पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि हम लोगों का मैट्रो ट्रेन व रैपिड मैट्रो ट्रेन के ट्रैक से बिजली के ताँबे के केबिल चोरी करने वालो का एक संगठित गिरोह है। गिरोह में समीर, मूसा, निसार, शहादत, शमशेर, माजिद, हलाल, नौशाद, सैफ मलिक, गुलजार, जावेद, समीर पुत्र बाबू मलिक कलीम उर्फ सिद्दू, जुल्फिकार है। गत वर्ष 10 अगस्त इस गैंग के सैफ मलिक, जावेद, कलीम, गुलजार, जुल्फिकार, समीर मलिक को पुलिस द्वारा मुरादनगर क्षेत्र से चोरी करते समय गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उस चोरी में मौके से समीर, माजिद, नौशाद और हलाल भाग गये थे। उसके बाद इस गैंग को मूसा व समीर चलाने लगे। ये लोग चोरी करने से पहले एक तयशुदा स्थान पर इकठ्ठा हो जाते और वही पर अपने-अपने मोबाइलों को बन्द कर लेते है।

इन लोगो को जहाँ रैपिड मैट्रो ट्रेन के ट्रैक से बिजली के ताँबे के केबिल को चोरी करना होता है वही उसके नीचे मौका देखकर आधी रात के बाद सुनसान होने पर आ जाते है फिर पतली रस्सी में पत्थर बाँधकर ऊपर मैट्रो की रेलिंग पर फेंकते ह। जिसमें फंसकर रस्सी वापस नीचे आ जाती है फिर उस रस्सी के एक सिरे पर मोटा गाँठों वाला रस्सा बाँधकर उसे ऊपर खींचकर दूसरी तरफ से नीचे ले आते है और उस रस्से की मदद से आरोपी लोगो में से कोई भी 3-4 लडके आरी व डन्डा लेकर ऊपर चढ कर ब्लेड लगी आरी को डन्डे पर बाँधकर दूर से रैपिड मैट्रो के केबिल को काटते है। जैसे ही केबिल के ऊपर का प्लास्टिक का खोल कटने के बाद आरी का ब्लेड तार को छूता है तो शॉर्ट सर्किट के कारण ब्लास्ट के साथ बिजली सप्लाई का फ्यूज उड जाता है और केबिल में करन्ट बन्द हो जाता है। उसके बाद ये लोग फटाफट केबिल को काट कर नीचे फेंकते है, और नीचे खडे उनके साथी उनको इकट्ठा करते है। रैपिड मैट्रो लाईन के आस-पास मैट्रो का अन्य सामान जैसे फिश प्लेट, क्लैम्प व एन्गल आदि भी नीचे फेंक देते है। नीचे खडे हुए साथी जल्दी-जल्दी चोरी का सामान सडक से किनारे थोडी दूरी पर झाडियों में छिपा देते है और फिर मौका देखकर ये लोग चोरी का माल रिक्शा या टैम्पो में लादकर किसी सुनसान स्थान पर ले जाकर कटर की मदद से केबिल को छीलकर ताँबे का तार निकाल लेते है।

पूर्व मे वसुन्धरा के पास रैपिड रेल के केबिल की चोरी करते समय माजिद ट्रैक से उतरते हुए गिर गया था जिससे उसके हाथ मे काफी चोट आयी थी। मूसा व समीर ही चोरी का सारा सामान लेकर जाते और उस माल को शहजाद, ब्रिजेश उर्फ काले व सुबोध कबाडी को बेच देते थे। उससे मिले पैसो को सभी लोग आपस मे बराबर-बराबर बाँट लेते । मूसा सभी साथियों को चोरी करने के लिए इकट्ठा करता था और चोरी के माल को कबाडियों को बेचता था। इसलिए वह एक हिस्सा ज्यादा लेता था । हिस्से मे मिले पैसे से सभी लोग अपने शौक पूरे करते और अपने घर का खर्चा चलाते थे। आरोपी यह काम काफी समय से कर रहे थे ।

आरोपी शातिर किस्म के अपराधी हैं जिनके द्वारा गाजियाबाद व दिल्ली एन0सी0आर0 में मैट्रो ट्रेन व रैपिड मैट्रो ट्रैक के बिजली के केबिल की चोरी की कई वारदातों को अंजाम दिया गया है। आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर अन्य की गिरफ्तारी व बरामदगी हेतु टीम बनाकर कार्यवाही की जा रही है।

पकडे गए सभी आरोपी जसौला-दिल्ली, मुजफ्फरनगर, बाटला – दिल्ली, शाहदरा- दिल्ली, शहीद नगर- गाजियाबाद, के रहने वाले हैं।

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