संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक अंतर्राज्यीय हथियार तस्कर को गिरफ्तार किया है जो दिल्ली/एनसीआर के अपराधियों को असलहे सप्लाई करता था। उसके पास से 21 पिस्तौलें बरामद की गई हैं।
स्पेशल सेल एनडीआर के डीसीपी राजीव रंजन सिंह के मुताबिक एसीपी ललित मोहन नेगी और हृदय भूषण के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सतीश राणा एवं इंस्पेक्टर मनोज कुमार की टीम ने कुख्यात हथियार तस्कर, लाल सिंह चढ़ार को गिरफ्तार कर उसके पास से .32 बोर की इक्कीस अवैध पिस्तौलें बरामद की गईं, जो दिल्ली और एनसीआर के अपराधियों को आपूर्ति की जानी थीं।
दरअसल, 4 अगस्त, 2023 को विशेष जानकारी प्राप्त हुई कि सागर, एमपी निवासी लाल सिंह, जो बुरहानपुर, एमपी से अवैध हथियार खरीदकर दिल्ली और एनसीआर में आपूर्ति कर रहा है, दिल्ली की ओर जा रहा है और अपने किसी संपर्क को हथियारों की एक बड़ी खेप देने के लिए गांधी संग्रहालय, रिंग रोड, दिल्ली के सामने आएगा। जिसके बाद गांधी संग्रहालय के चारों ओर एक जाल बिछाया गया, और एक व्यक्ति, जिसकी पहचान लाल सिंह चढ़ार पुत्र श्री खुमान सिंह निवासी सागर, एमपी के रूप में सामने आई, को हाथापाई के बाद पकड़ लिया गया। लाल सिंह चढ़ार के कब्जे से .32 बोर की 21 पिस्तौलें बरामद की गईं।
पुलिस के मुताबिक लाल सिंह चढ़ार का जन्म 1991 में ग्राम सोठिया, जिला सागर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उसने डॉ. सरहरि सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, म.प्र. से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वह शादीशुदा है। प्रारंभ में, वह सागर के एक निजी स्कूल में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत था और 8,000 प्रति माह उन्हें रुपये का वेतन मिलता था। लगभग पांच साल पहले वह सागर के राजेश प्यासी नाम के एक व्यक्ति के संपर्क में आया, जो इलाके में अवैध पिस्तौल बेचने का एक सिंडिकेट चला रहा था। जल्दी पैसा कमाने के लिए उसने इलाके में पिस्तौलें बेचना भी शुरू कर दिया। राजेश प्यासी ही ने लाल सिंह चढ़ार को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के एक अवैध हथियार आपूर्तिकर्ताओं से मिलवाया था। हाल ही में बरामद पिस्तौलों की खेप पाने के लिए उसने अपने दोस्त से पैसे उधार लिए और अपनी पत्नी के गहने भी गिरवी रख दिए, क्योंकि यह पिस्तौलों का एक बड़ा जखीरा था और उसे हथियार बेचने से अच्छा मुनाफा मिलता। वह सात हजार प्रति पिस्टल की दर से पिस्टल खरीदकर 25 से 30 हजार प्रति पिस्टल की दर से बेच रहा था। स्पेशल सेल के विशेष आयुक्त एच.जी.एस. धालीवाल ने बताया कि इस हथियार तस्करी सिंडिकेट के आगे और पीछे के संबंधों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है।