इसी एक्सप्रेस वे पर कल हुई थी राग साइड एंट्री, एंट्री प्वांइट पर सीसीटीवी कैमरे और पुलिस की तैनाती सब बेकार साबित
संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद में मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार को सड़क हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई। ये हादसा स्कूल बस के रॉन्ग साइड में दौड़ाने की वजह से हुआ। ट्रैफिक पुलिस भी मान रही है कि बड़े हादसों की बड़ी वजह रॉन्ग साइड में वाहन चलाना है। इसको रोकने के लिए कागजों में कई दफा प्लान बने, लेकिन लागू नहीं हो सके।
इस हादसे के बाद ‘विशेष खबर’ ने गाजियाबाद के डासना इंटरचेंज से दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर यानी करीब 30 किलोमीटर दूरी तक एक्सप्रेस-वे का दौरा कर इन्हीं खामियों को परखा। इस दूरी में तीन पॉइंट ऐसे हैं, जहां से वाहन रॉन्ग साइड में चढ़ते हैं।
1- डासना इंटरचेंज
गाजियाबाद में पुलिस लाइन की तरफ से हापुड़ रोड होकर एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने वाले वाहन चालक सिर्फ दो किलोमीटर बचाने के लिए वाहन रॉन्ग साइड दौड़ते नजर आए। कहने को यहां पर ट्रैफिक पुलिस के चार जवान तैनात थे, लेकिन उनका फोकस सिर्फ बड़े वाहनों को रोकने पर था। चार पहिया और छोटे वाहन यूं ही बिना रोक-टोक रॉन्ग साइड से गुजर रहे थे।
2- ABES कॉलेज के सामने कट
मेरठ से दिल्ली की तरफ जाते वक्त लालकुआं पार करते ही दो रोड बन जाते हैं। एक रोड सीधे दिल्ली जाने के लिए है और दूसरा रोड नोएडा-गाजियाबाद के संपर्क रास्तों पर जाने वाला है। लालकुआं से एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने वाले चार पहिया वाहन दिल्ली की मुख्य लेन में आने के लिए इस कट के सामने से करीब 200 मीटर तक विपरीत दिशा में वाहन चलाते हैं।
ये सिर्फ डबल लेन है और यहां सामने से हर सेकेंड वाहन गुजरते हैं। ऐसे में हादसों का खतरा बना रहता है। यहां एक ट्रैफिक सिपाही दिखाई दिया, लेकिन रोक-टोक कोई नहीं थी।
3- इंदिरापुरम एंट्री-एग्जिट पॉइंट
ये यूपी-दिल्ली का बॉर्डर वाला एरिया है। यहां एक्सप्रेस-वे के एक तरफ दिल्ली, तो दूसरी तरफ गाजियाबाद का एरिया है। जिस स्कूली बस ने TUV में टक्कर मारी, वो इसी पॉइंट से विपरीत दिशा में चढ़ी थी। दरअसल, यहां पर CNG पंप है। CNG भरवाने के बाद वाहन चालकों को गाजीपुर बॉर्डर वाले अंडरपास से होकर वापस गाजियाबाद आना चाहिए। लेकिन वे इस दूरी से बचने के चक्कर में विपरीत दिशा में आते हैं। जिससे ये हादसा हुआ।
पहले हुए बड़े हादसे
- फरवरी-2023 में विपरीत दिशा में चल रही एक एम्बुलेंस सामने से आ रही ट्रक से जा टकराई। हादसे में एम्बुलेंस सवार दो लोगों की मौत हुई थी।
- साल-2021 में विपरीत दिशा में आ रहे एक ट्रक ने कार में टक्कर मार दी थी। इसमें 5 लोगों की मौत हुई थी।
DME और EPE पर 6 महीने में 37 की मौत
ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (DME) और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे (EPE) पर गाजियाबाद जिले में बीते 6 महीने में 37 रोड एक्सीडेंट हुए। इसमें 37 लोगों की मौत हुई और 36 लोग घायल हुए हैं। इसमें कई बड़े हादसे विपरीत दिशा में वाहन चलाने की वजह से हुई है।
8 KM रॉन्ग साइड दौड़ी बस, किसी को नहीं दिखी
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर डासना के पास ही NHAI ने CCTV का कंट्रोल रूम बनाया हुआ है। कुछ महीनों पहले इसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। एक्सप्रेस-वे की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए ये कंट्रोल रूम बना था।
एक्सप्रेस-वे पर खड़े होने वाले वाहनों और विपरीत दिशा में चलने वाले वाहनों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसा सिस्टम ईजाद किया गया था। जो ऐसे वाहनों को खुद डिटेक्ट करके कंट्रोल रूम को सूचित करता था। मंगलवार सुबह 6 लोगों को मौत की नींद सुलाने वाली बस एक्सप्रेस-वे पर करीब 8 किलोमीटर तक विपरीत दिशा में दौड़ी। कंट्रोल रूम में किसी को ये दिखाई ही नहीं दिया।
इस बस के नोएडा-गाजियाबाद में कट चुके हैं 19 चालान
गाजियाबाद पुलिस के अनुसार, हादसे वाली बस चौधरी टूर एंड ट्रैवल्स के नाम पर रजिस्टर्ड है। पहले ये बस विश्व भारती पब्लिक स्कूल सेक्टर-28 नोएडा से सम्बद्ध थी। अब प्राइवेट कंपनी ओरिएंट पेसन सेक्टर-67 नोएडा में लगी हुई है।
बस के ड्राइवर को गाजीपुर (दिल्ली) में CNG भरवाने के बाद कंपनी शिफ्ट के कर्मचारियों को लेने नंद नगरी जाना था। उसी दौरान ये हादसा हुआ। पुलिस के मुताबिक, इस बस के नोएडा और गाजियाबाद में अब तक 19 चालान कट चुके हैं।