विशेष संवाददाता
सहारनपुर । उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के देवबंद इलाके में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर जानलेवा हमला हुआ है। वह दिल्ली से अपने घर सहारनपुर के छुटमलपुर कस्बे जा रहे थे।
हरियाणा नंबर की कार से आए हमलावरों ने चंद्रशेखर पर 4 राउंड फायरिंग की। गोली उनके पेट को छूते हुए निकल गई। फायरिंग में कार के शीशे भी टूट गए हैं।
चंद्रशेखर को देवबंद के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। यहां से शुरुआती इलाज के बाद सहारनपुर के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
अस्पताल के बाहर समर्थकों की भीड़ लगी हुई है। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए दबिश देना शुरू कर दी है।
चंद्रशेखर भीम आर्मी के सह-संस्थापक और अध्यक्ष हैं। वह अंबेडकरवादी कार्यकर्ता और वकील हैं। आजाद, सतीश कुमार और विनय रतन सिंह ने 2014 में भीम आर्मी की स्थापना की थी।
कार्यकर्ता के घर के बाहर हुआ हमला
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद देवबंद में संगठन के एक साथी एडवोकेट अजय के घर गए थे। अजय की मां का 2 दिन पहले निधन हो गया था।
चंद्रशेखर जैसे ही अजय के घर से निकले, तभी कार सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
घटना की तस्वीरें देखिए
पार्टी बोली- ये बहुजन मिशन मूवमेंट को रोकने का कायराना कृत्य
हमले की सूचना चंद्रशेखर के राजनीतिक दल आजाद समाज पार्टी ने ट्वीट कर दी। लिखा- देवबंद में राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला हुआ है।
ये बहुजन मिशन मूवमेंट को रोकने का कायराना कृत्य है। आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी, सख्त कार्रवाई और चंद्रशेखर आजाद की सुरक्षा की मांग करते हैं।
पुलिस बोली- CCTV में नजर आई हमलावरों की कार
हमलावरों की कार एक जगह CCTV कैमरे में नजर आई है। पुलिस ने बताया कि बदमाशों की धरपकड़ के लिए पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी गई है।
वहीं CCTV फुटेज के आधार पर बदमाशों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
चंद्रशेखर के समर्थक अस्पताल पहुंच गए हैं। इसके अलावा जिला कलेक्टर और एसएसपी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
चंद्रशेखर ने 2015 में की थी भीम आर्मी की स्थापना
चंद्रशेखर ने 2015 में जातिगत उत्पीड़न का विरोध करने के लिए भीम आर्मी की स्थापना की। यहीं से उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ। 15 मार्च 2020 को उन्होंने आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) दल की स्थापना की।
यह घोषणा बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक काशीराम की 86वीं जयंती पर की गई थी। इस पार्टी में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल के 98 पूर्व नेता शामिल हुए।
भीम आर्मी का बेस मुख्यतौर पर यूपी में है। भीम आर्मी सहारनपुर दंगों के वक्त साल 2017 में चर्चा में आई। इसकी वजह जाति संघर्ष थी।
हिंसा के आरोपों के बाद चंद्रशेखर गिरफ्तार भी हुए थे। भीम आर्मी दलित शब्द के खिलाफ है और अंबेडकरवादी सोच वालों का स्वागत करती है।
यह संगठन भारत में शिक्षा के माध्यम से दलित हिंदुओं की मुक्ति के लिए काम करता है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलितों के लिए मुफ्त स्कूल चलाता है।