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रूस ने निभाई दोस्ती, भारत को जल्द देगा S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम, चीन की अपील को किया दरकिनार

दिल्ली। लद्दाख में सीमा पर चल रहे तनाव के बीच रूस ने फिर दोस्ती की मिसाल पेश की है। रूस ने भारत को आश्‍वासन दिया है कि वह दुनिया के सबसे अडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम S-400 की जल्‍दी डिलेवरी करेगा। रूस की यात्रा पर गए भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बातचीत के दौरान रूस के उपप्रधानमंत्री युरी इवानोविक बोरिसोव ने यह आश्‍वासन दिया। इससे पहले चीन के सरकारी अखबार पीपल्‍स डेली ने रूस से अपील की थी कि वह भारत को नए हथियार नहीं दे। लेकिन रूस ने चीन की अपील को दरकिनार कर दिया।

रूसी के साथ बातचीत बहुत सकारात्‍मक रही- राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा कि रूस ने भरोसा दिलाया है कि भारत संग किए गए समझौते तेजी से पूरे किए जाएंगे। उन्‍होंने कहा, ‘रूसी उपप्रधानमंत्री से मेरी बातचीत बहुत सकारात्‍मक रही। महामारी की कठिनाइयों के बाद भी हमारे द्विपक्षीय संबंध बने हुए हैं। मुझे भरोसा दिलाया गया है कि जो समझौते किए जा चुके हैं, उन्हें जारी रखा जाएगा। यही नहीं कई मामलों में इनको बहुत कम समय में पूरा किया जाएगा।’

2018 में हुआ था S-400 समझौता

रूसी अखबार स्‍पूतनिक न्‍यूज की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम को जल्‍दी देने का आग्रह किया था और रूस इस पर सहमत हो गया है। भारत और रूस के बीच 2018 में दुनिया के सबसे अडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम S-400 की डील 5 अरब डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपये में फाइनल हुई थी। भारत ने इसकी पांच यूनिट्स खरीदने का करार किया है। इसके अलावा भारत रूस से 31 फाइटर जेट खरीद रहा है। भारत ने टी-90 टैंक के महत्‍वपूर्ण कलपुर्जों को लेकर भी रूस से बात की है।

कोरोना की वजह से S-400 की सप्‍लाई में हो रही थी देरी

कोरोना वायरस को देखते हुए रूस दिसंबर 2021 तक S-400 की सप्‍लाई करना चाहता था। फरवरी महीने में रूस के उद्योग मंत्री डेनिस मंतुरोव ने भारत के लिए S-400 बनाने की शुरुआत का ऐलान किया था। भारत और रूस ने नौसेना के लिए तलवार श्रेणी के फ्रीगेट हेलिकॉप्‍टर के लिए भी डील पर साइन किया है।

चीनी मीडिया ने की भारत को हथियार नहीं देने की अपील

इससे पहले चीन ने अपने माउथ पीस पीपल्‍स डेली के जरिए रूस से अपील की थी कि वह ‘संवेदनशील’ वक्त में भारत को नए हथियार नहीं दे। पीपल्स डेली ने फेसबुक पर ‘सोसायटी फॉर ओरियंटल स्टडीज ऑफ रूस’ नाम के ग्रुप में लिखा है, ‘एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर रूस को चीनी और भारतीयों के दिल पिघलाने हैं, तो भारत को ऐसे संवेदनशील वक्त में हथियार नहीं देने चाहिए। दोनों एशियाई ताकतें रूस की करीबी सहयोगी हैं।’ पीपल्स डेली ने कहा है, ‘लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत जल्द से जल्द 30 फाइटर जेट खरीदना चाहता है, जिनमें MiG29 और 12 सुखोई 30MK शामिल हैं।’ 

S-400 से अभेद्य होंगी देश की सीमाएं

भारत और रूस के बीच बनी सहमति सामरिक रिश्तों में लंबे भरोसे का ही संकेत है। अमेरिका के कड़े प्रतिरोध के बावजूद भारत रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम सौदे पर आगे बढ़ा। सतह से हवा तक अचूक सुरक्षा देने वाला एस-400 एयर मिसाइल सिस्टम मल्टी फंक्शन रडार से लैस है। सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट जैसे अमेरिका का एफ-35 भी इसके हमले से बच नहीं सकते।

एस-400 बेहद अचूक
-36 निशानों को एक साथ भेद सकता है यह मिसाइल सिस्टम
-05 पांच मिनट में युद्ध के लिए तैयार किया जा सकता है।
-400 किमी दूर विमान, ड्रोन, मिसाइल ध्वस्त करने में सक्षम
-600 किलोमीटर तक लगातार सटीक निगाह रखती है यह प्रणाली

रूस के साथ भारत के बड़े सौदे
-चार युद्धपोत : 17,000 करोड़ रुपये
-7.50 लाख असॉल्ट राइफलें:12,000 करोड़ रुपये
-18 सुखोई—30 एमकेआई लड़ाकू विमान:5,000 करोड़ रुपये
-कामोव-226टी यूटिलिटी हेलीकॉप्ट: 3,600 करोड़ रुपये
-परमाणु पनडुब्बी : 21,000 करोड़ रुपये

लड़ाकू विमानों के होने वाले सौदे 
-5175 शार्ट रेंज की इग्ला एस मिसाइल का 1.5 अरब डॉलर में सौदा
-18 अतिरिक्त सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों का निर्माण 2022 तक
-छह पनडुब्बियों का सौदा जल्द हो सकता है, रूस तकनीक देने को तैयार
-114 मध्यम लड़ाकू विमानों की दौड़ में रूस का मिग-35, सुखोई-35
-5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के साझा उत्पादन को जल्द मंजूरी संभव

मेक इन इंडिया को बढ़ावा
रूस और भारत के बीच कई सैन्य उपकरणों और हथियारों के मेक इन इंडिया के तहत उत्पादन के लिए समझौते हुए हैं। दो सौ कामोव हेलीकॉप्टरों और सुखोई लड़ाकू विमानों का एचएएल में उत्पादन इसका ताजा उदाहरण है। इसके अलावा भारत और रूस के बीच हथियारों के संयुक्त उत्पादन, तकनीक हस्तांतरण में ब्रह्मोस बेजोड़ उदाहरण है। अमेठी में जल्द ही एके-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण शुरू होगा। रूस से चार युद्धपोतों के सौदों में दो का निर्माण भारत में ही हो रहा है। 

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