गाजियाबाद : दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक प्रस्तावित मेट्रो के तीसरे फेज की संशोधित डीपीआर देने से पहले जीडीए से करीब 214.25 करोड़ रुपये बकाया राशि मांगी है। उन्होंने इस बारे में शासन को भी एक पत्र भेजा है। हालांकि भुगतान को लेकर जीडीए ने थोड़ी आपत्ति जताई है। जिससे भुगतान को लेकर विवाद पैदा हो गया है।
तीसरे फेज के तहत नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक 5.917 किलोमीटर का मेट्रो कॉरिडोर बनना है। इसमें 1866 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जिसमें से 274.80 करोड़ रुपये का अंशदान केंद्र सरकार देगी। बाकी 1567.20 करोड़ रुपये की फंडिग शासन से मांगी जा रही है। इस मांग के साथ जीडीए को तीसरे फेज की संशोधित डीपीआर भी भेजनी है। उसके लिए डीएमआरसी से संशोधित डीपीआर मांगी गई थी। इसके जवाब में डीएमआरसी ने जीडीए और शासन को एक पत्र भेजा है। उसमें कहा गया है कि दिलशाद गार्डन से शहीद स्थल न्यू बस अड्डा मेट्रो कॉरिडोर के बकाया 150.98 करोड़ रुपये और शिव विहार लाइन पर व्यय हुए 63.27 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाए।
जीडीए का कहना है कि दिलशाद गार्डन से शहीद स्थल न्यू बस अड्डा मेट्रो कॉरिडोर का बकाया जल्द दे दिया जाएगा। लेकिन, शिव विहार मेट्रो लाइन के संबंध में प्राधिकरण का डीएमआरसी से कोई करार नहीं हुआ था। इस कारण उनका दूसरा दावा ठीक नहीं है।
तीसरे फेज के कॉरिडोर पर स्टेशन
डीपीएस इंदिरापुरम, शक्तिखंड, वसुंधरा सेक्टर-पांच, वसुंधरा सेक्टर-2 और मोहननगर स्टेशन
बढ़ेगी लागत, होगा मंथन
सोमवार को डीएमआरसी और जीडीए अधिकारियों के बीच जीडीए में बैठक आयोजित हुई। उसमें संशोधित डीपीआर पर चर्चा हुई। सामने आया कि तीसरे फेज का अलाइनमेंट बदलने पर लागत करीब 160 करोड़ रुपये बढ़ सकती है। यह भी बताया कि मेट्रो के वसुंधरा सेक्टर-2 से रैपिड रेल के साहिबाबाद स्टेशन की दूरी 500 मीटर से कम नहीं हो पा रही। इस बैठक में जीडीए वीसी नहीं थी। तय हुआ है कि इस पर विस्तृत चर्चा के लिए दोबारा बैठक की जाएगी।