नई दिल्ली। ट्रैफिक नियम संशोधन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के खिलाफ गुरुवार को यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूएफटीए) ने एक दिन के हड़ताल का आह्वान किया है. इस हड़ताल के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर में लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, हड़ताल की स्थिति में दिल्ली-एनसीआर के लोग मेट्रो की सवारी कर अपने गंतव्य स्थल तक पहुंच सकते हैं.
इस हड़ताल को लेकर ओला-उबर ने किसी तरह का कोई ऐलान नहीं किया है. हालांकि ड्राइवरों का संगठन है और वे इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं. इस कारण ज्यादातर टैक्सियां सड़क से गायब हैं क्योंकि उन्हें डर है कि गाड़ी चलाने के दौरान हड़ताल करने वाले संगठन उनकी कार को नुकसान पहुंचा सकते हैं. परेशानी से बचने के लिए कई स्कूल ने आज बंद रखने का फैसला लिया है. हालांकि स्कूल को बंद रखने के विषय में सरकार ने कोई सलाह या आदेश जारी नहीं किया है. लेकिन प्राइवेट ऑपरेटरों के जरिए बसों की अनुपलब्धता के कारण स्कूलों को बंद करने की घोषणा की गई है.
नए कानून पर देश भर में विरोध
नए मोटर व्हीकल एक्ट का देशभर के अलग-अलग राज्यों में भी विरोध हो रहा है. राज्य सरकारें भी इसे पूरी तरह से लागू करने से हिचक रही हैं. हड़ताल का आह्वान करने वाले संगठन यूएफटीए में ट्रक, बस, ऑटो, टेम्पो, मेक्सी कैब और टैक्सियों का दिल्ली/एनसीआर में प्रतिनिधित्व करने वाले 41 यूनियन और संघ शामिल हैं. केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाई गई ट्रैफिक चालान की धनराशि से राज्य सरकारों में कोहराम पहले से मचा है. लोगों की आपत्ति है चालान की दरों के हिसाब से न तो सड़कें हैं और न ही प्रति व्यक्ति आय. इसलिए केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए ट्रैफिक नियमों का विरोध हो रहा है.
अधिकतर स्कूलों में छुट्टी
जानकारी के मुताबिक कई लोगों को अपने बच्चों के स्कूलों से संदेश मिला है कि गुरुवार को शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे. गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की एक्शन कमेटी के महासचिव भरत अरोड़ा के मुताबिक ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के कारण अधिकतर स्कूलों ने छुट्टी का ऐलान किया है.
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की यह हड़ताल मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव के बाद नए कानून के खिलाफ बुलाई गई है. ट्रांसपोर्ट यूनियन के मुताबिक एनसीआर में गुरुवार को चक्का जाम रहने के कारण ऑटो, टैक्सी, आप. टी. वी., निजी स्कूल बस, मैक्सी कैब, ओला व उबर में चलने वाली गाड़ियां, एस. टी. ए. के तहत चलने वाली क्लस्टर बसें, ग्रामीण सेवा, छोटे ट्रक और टैम्पो समेत बड़े व्यवसायिक वाहनों की 41 यूनियन ने कल सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक सड़कों पर न उतरने का ऐलान किया है.
क्या है यूएफटीए की मांगें?
सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर यूएफटीए ने एक दिन का सांकेतिक चक्का जाम करने का निर्णय लिया है. उनकी मांगें हैं…
– मोटर वहीकल एक्ट 2019 संशोधन बिल में बढ़े हुए चालान की रकम को वापस लिया जाए.
– इनकम टैक्स के एक्ट 44 एई को लेकर और
– वाहन बीमा में पांच लाख रुपए तक ही इंश्योरेंस कंपनियों को पेमेंट करने के आदेश के खिलाफ
क्या हैं नए नियम?
नए कानून के अनुसार, गलत और खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वालों को पहली बार दोषी पाए जाने पर छह महीने से एक साल तक जेल या 1,000 से 5,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जाएगी. दूसरी बार दोषी पाए जाने पर दोषी को 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा.
शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पहली बार दोषी पाए जाने पर छह महीने जेल या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जाएगी. वहीं दूसरी बार दोषी पाए जाने पर दो साल तक की जेल या 15,000 रुपये तक की जेल की सजा या दोनों सुनाई जाएगीं. बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर 5,000 रुपये का जुर्माना कर दिया गया है जो पहले सिर्फ 500 रुपये था. योग्य ना होने के बावजूद वाहन चलाने पर पहले सिर्फ 500 रुपये था, जो अब बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है.
निर्धारित सीमा से अधिक गति से वाहन चलाने पर जुर्माना 400 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है. हल्के मोटर वाहन के मामले में यह 2,000 रुपये है. इस मामले में मध्यम यात्री या माल ढोने वाले वाहनों पर जुर्माना 2,000 रुपये से 4,000 रुपये हो गया है. बच्चे द्वारा वाहन चलाने पर वाहन का रजिस्ट्रेशन भी एक साल के लिए रद्द किया जा सकता है. एक साल पूरा होने पर आपको अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिए फिर से नया आवेदन करना होगा.
नए कानून के अनुसार, इस नियम का उल्लंघन करने पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना और तीन साल तक की जेल हो सकती है. वहीं नाबालिग बच्चे के लिए उसे लर्नर लाइसेंस 25 साल तक नहीं मिलेगा.