नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. वकील मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए सरकार ने आर्टिकल 367 में जो संशोधन किया है, वह असंवैधानिक है. सरकार ने मनमाने और असंवैधानिक ढंग से कार्रवाई की. सुप्रीम कोर्ट से इस अधिसूचना को असंवैधानिक घोषित कर रद्द करने की मांग की गई है.
वकील मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की अधिसूचना की संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. मनोहर लाल शर्मा बुधवार को अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की गुहार लगा सकते हैं. इस याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए सरकार ने अनुच्छेद 367 में जो संशोधन किया है वो अंसवैधानिक है. याचिकाकर्ता का आरोप है कि सरकार का कदम मनमाना और अंसवैधानिक है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस अधिसूचना को अंसवैधानिक घोषित करनी चाहिए. मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकर संसदीय और विधायी नियमों का पालन किए बिना संविधान में संशोधन नहीं कर सकती है.
जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा- अमित शाह
इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में एक बार फिर कहा कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तानी कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) और अक्साई चीन इसका एक हिस्सा हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के सवालों का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि भाजपा नेता पीओके को हासिल करने के लिए अपनी जान दे देंगे और उन्होंने कहा कि जब भी वह जम्मू और कश्मीर का जिक्र करते हैं तो उसमें पाकिस्तान और चीन के कब्जे वाले क्षेत्र शामिल होते हैं.