मेरठ। अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए मेजर केतन शर्मा ने एक मैसेज भेजा था. उन्होंने सोमवार सुबह सात बजे अपने फैमिली वॉट्सऐप ग्रुप पर अपनी एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘हो सकता है ये मेरी आखिरी तस्वीर हो.’ यह फोटो डालने के कुछ घंटों के बाद ही दक्षिण कश्मीर से खबर आई कि आतंकियों से लोहा लेते हुए भारी गोलीबारी में मेजर केतन शर्मा गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं.
ठीक यही बात मंगलवार को भी सुनाई दी जब उनका शरीर उनके गृहनगर उत्तर प्रदेश के मेरठ पहुंचा तो उनकी मां ऊषा ने कहा. उन्होंने कहा, “मेरा शेर-पूत गोलियों से नहीं दरदा है (मेरा बहादुर बच्चा गोलियों से नहीं डरता). मेरा बेटा कहां गया? बताओ मुझे मेरा रेनू (केतन का निकनेम) कब वापस लौटेगा. मैं आपसे प्रार्थना करती हूं, उसे लौटा दो.”
इससे पहले सोमवार सुबह केतन शर्मा अनंतनाग में अपनी 19 राष्ट्रीय रायफल्स की टीम के साथ तैनात थे. तब उनको एक ज्वाइंट सिक्योरिटी ऑपरेशन के ऑर्डर्स मिले. इसके बाद वह दक्षिण कश्मीर के अचबाल क्षेत्र के बदूरा गांव में ऑपरेशन के लिए गए. इसी दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए वह शहीद हो गए. केतन के परिवार में पत्नी इरा मंदर शर्मा, चार साल की बेटी कायरा, मां ऊषा, पिता रविंदर और छोटी बहन मेघा हैं.
चचेरे भाई ने किया वॉट्सऐप ग्रुप में तस्वीर का खुलासा
केतन शर्मा के चचेरे भाई अनिल शर्मा ने बताया, “जब उसने वॉट्सऐप ग्रुप पर मैसेज भेजा, तब उसकी पत्नी ने जवाब दिया था. लेकिन इसके बाद दूसरे लोगों ने इस तरह का मैसेज करने का कारण उससे जाना चाहा. लेकिन उस मैसेज के बाद उसने कोई रिप्लाई नहीं किया. जब ये सब चल रहा था तब इरा और कायरा गाजियाबाद में थीं. इरा अपने मायके गई हुई थी. सबसे पहले इरा के परिवार वालों को ही इसकी सूचना मिली कि केतन घायल हो गए हैं. तब दोपहर के करीब दो बजे रहे थे. करीब साढ़े तीन बजे कुछ आर्मी ऑफिसर घर आए और कुछ वक्त बाद उन्होंने बताया कि अब केतन नहीं रहा.”
रोज फोन करते थे केतन
केतन के पिता रविंदर शर्मा ने बताया, ‘केतन कमोबेश रोजाना फोन करता था. जबसे उसकी मां बीमार हुई थी तब से वो बिना भूले रोजाना फोन करने लगा था. वो मुझसे हमेशा अपनी मां का खयाल रखने के लिए कहता था.’ रविंदर मोदीनगर में एक फैक्टरी में काम करते थे. अब वह सेवानिवृत हो चुके हैं.
हाई-सैलरी वाली नौकरी करते थे केतन
केतन के परिवार वाले बताते हैं केतन महज 20 साल की उम्र में ही गुरुग्राम में हाई-सैलरी वाली प्राइवेट जॉब करते थे. लेकिन उन्होंने वह ज्यादा पगार वाली नौकरी छोड़कर आर्मी में जाने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी. असल में केतन के एक रिश्तेदार आर्मी में रह चुके हैं. केतन की भी परवरिश कैंट इलाके में हुई है. यही वजह थी कि केतन 2012 में सीडीएस की परीक्षा पासकर लेफ्टिनेंट बने. बाद में उनकी इरा से शादी हुई और नौकरी में तरक्की पाकर मेजर बन गए.
अमरनाथ यात्रा के परिवार को बुलाने वाले थे
केतन के एक अंकल निर्मल शर्मा बताते हैं, ‘मेरी जब केतन से आखिरी बातचीत हुई थी तब वह हमें कश्मीर घूमने के लिए बुला रहा था. उसने हमसे अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के बारे में भी पूछा था. उसने कहा था इसमें बिल्कुल सुरक्षित है कोई खतरा नहीं है.’
20 दिन पहले ही लौटे थे ड्यूटी पर
शहीद केतन शर्मा 20 दिन पहले ही 27 मई को छुट्टी से ड्यूटी पर लौटे थे. 32 वर्षीय केतन शर्मा का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके मेरठ आवास पर पहुंचा. शहादत की खबर मिलते ही उनके घर लोगों का तांता लग गया था. डीएम अनिल ढींगरा, भाजपा विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल और शहर के गणमान्य लोग शहीद के घर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी.