latest-newsएनसीआरगाज़ियाबाद

पूर्व सांसद रमेश चंद्र तोमर से दूरी कहीं भाजपा को भारी ना पड़ जाए

संवाददाता

गाजियाबाद । प्रदेश में चौथे चरण का मतदान हो चुका है। लेकिन गाजियााबाद में चर्चा अभी तक भाजपा के चुनाव परिणाम को लेकर हो रही है। गाजियााबाद में दूसरे चरण में मतदान हुआ था। यहां में 50 प्रतिशत से कम मतदान के बाद जिस तरह का फीडबैक मिला उससे भाजपा कार्यकर्ता असमंजस में हैं। चर्चा इस बात की भी है कि ठाकुरों की नाराजगी का कितना असर पड़ेगा।

पूर्व सांसद डॉक्टर रमेश चंद्र तोमर जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा और अनदेखी का कई इलाकों में प्रतिकूल असर पड़ा है। गाजियाबाद की राजनीति में चाणक्य माने जाने वाले पूर्व सांसद डॉक्टर रमेश चंद्र तोमर को लेकर कई तरह की चर्चा चल रही है। पूर्व सांसद डॉक्टर रमेश चंद्र तोमर का न सिर्फ गाजियाबाद में बल्कि पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर असर है। ऐसा माना जाता है गाजियाबाद में विकास की नींव उनके ही कार्यकाल में पड़ी। चार बार सांसद रहने के दौरान डॉक्टर तोमर की आसपास के इलाकों में खूब चलती थी। इस बार के लोकसभा चुनाव में विरोधी खेमे ने उनकी भूमिका सीमित करने का प्रयास किया। उन्हें चुनाव संचालन समिति में भी नहीं रखा गया।

हालांकि डॉक्टर तोमर नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का मिशन लेकर जमीनी तौर पर और सोशल मीडिया में सक्रिय रहे। उनके नाम पर सोशल मीडिया में कई ट्रेंड भी हुए। ऐसा माना जा रहा है कि गाजियाबाद में चुनाव प्रचार से उनको दूर रखने का असर भाजपा की जीत के अंतर पर पड़ सकता है। ठाकुरों की नाराजगी को दूर करने के लिहाज से पीएम मोदी ने अपने दौरे के वक्त डॉक्टर तोमर के हाथ पर हाथ रखकर उन्हें दोस्त बताया था। उन्होंने जनरल वीके सिंह को भी साथ रखा था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के बाद रमेश चंद्र तोमर की अनदेखी कर दी गई। डॉक्टर तोमर धौलाना विधानसभा क्षेत्र के पिलखुआ में हुई योगी की सभा में ही नहीं गये। कहा जा रहा है इस बार ठाकुरों की नाराजगी और पुराने दिग्गजों को किनारे करने की स्थानीय स्तर पर हुई कोशिश का असर जीत के चुनाव परिणाम पर पड़ सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com