उत्तर प्रदेशगाज़ियाबाद

महिला मोर्चा नेताओं के विरोध से मेयर के लिए भेजे गए नामों पर फंस गया पेंच

गाजियाबाद से भेजे पैनल को कैंसल कर नया पैनल तैयार कर अब लखनऊ से दिल्‍ली भेजा जाएगा

सुनील वर्मा

लखनऊ। लखनऊ से निकाय चुनाव को लेकर अभी – अभी एक बड़ी खबर आ रही है। गाजियाबाद महानगर गाजियाबाद की महिला मोर्चा नेताओं गुरूवार को दिल्‍ली में हंगामा बरपाने के बाद आज लखनऊ में ऐसा हंगामा किया किया कि चयन समिति की तरफ से भेजे गए पांच नामों के पैनल को ही प्रदेश नेतृत्‍व न खारिज कर दिया है। महिला मोर्चा की नेताओं ने यहां भी नेाताओं की पत्नियों को टिकट देने का मुद्दा जोर शोर से उठाया जिसके सभी अब नए सिरे पैनल तैयार होगा और मेयर के नाम का ऐलान दिल्‍ली से होगा।

बता दें कि गाजियाबाद महिला मोर्चा की अध्‍यक्ष पूनम कौ‍शिक के नेतृत्‍व में गुरूवार को भाजपा के राष्‍ट्रीय कार्यालय दिल्‍ली में विरोध प्रर्दशन किया गया था। दरअसल, महिला कार्यकर्ताओं न नेताओं की पत्नियों को टिकट देने पर विरोध जताया था। जिसके बाद महिला कार्यकर्ताओं को लखनउ जाकर प्रदेश नेतृत्‍व से बात करने की सलाह दी गई। शाम होते होते प्रदेश संगठन मंत्री धर्मपाल ने महिला नेताओं को तत्‍काल लखनऊ आने का न्‍यौता दे दिया और सुबह दर्जनों महिला मोर्चा की नेता लखनऊ पहुंच गई जिनसे प्रदेश के बडे नेताओ ने बात की।

लखनऊ सूत्रों का कहना है कि महिला मोर्चा की नेताओ ने गाजियाबाद से मेयर के लिए बनाए गए पैनल में सभी पांच नामों का अपने तर्क देकर विरोध किया है। सबसे पहला विरोध पैनल में सबसे उपर रखे गए रितु शर्मा के नाम का हुआ जो महानगर अध्‍यक्ष संजीव शर्मा की पत्‍नी है। नेता की पत्‍नी होंने के कारण महिला नेताओं ने उनके नाम पर पूरी तरह असहमति जताई है। दूसरा नाम आशा शर्मा का रहा हालांकि विरोध का कोई ठोस आधार तो नहीं था लेकिन महिला मोर्चा की नेताओं का कहना था कि एक ही नेता को दूसरी बार मौका क्‍यों। अगर दूसरे नेताओं को अगली बार मौका मिलेगा तो 2024 के लिए महिला कार्यकर्ताओं में उत्‍साह बढेगा और पार्टी में अच्‍छा संदेश जाएगा। तीसरा विरोध लज्‍जा रानी गर्ग व सुनीता दयाल को लेकर हुआ। दोनों की उम्र और चुनाव से ठीक पहले उनकी सक्रियता को लेकर महिला मोर्चा की नेताओं ने कई तरह के सवाल उठाए। पैनल में डा. रूचि गर्ग के नाम पर भी जमकर विरोध हुआ। उनके पति मयंक गोयल भी नेता है जिनके नाम के सहारे अब उनकी पत्‍नी को टिकट दिया जा रहा है। महिला कार्यकताओं का स्‍पष्‍ट कहना है कि कुछ खास परिवारों के लोगों को ही राजनीति में आगे क्‍यों बढाया जा रहा है।   

बताया जा रहा है कि भाजपा महिला मोर्चा नेताओं के साथ आज हुई मीटिंग के बाद गाजियाबाद में मेयर टिकट पर अब पेंच फंस गया है। लोकल स्तर पर बनी स्क्रीनिंग कमेटी ने जो पैनल बनाकर भेजा था, उसे लखनऊ से रद करने की सूचनाएं हैं। गाजियाबाद के अधिकांश विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता इस वक्‍त लखनऊ में ही है।

महिला मोर्चा का कहना है कि जब हम पार्टी वर्कर हैं तो नेताओं की पत्नियों को क्यों टिकट दिया जाए? महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं का साफ कहना है कि गाजियाबाद मेयर सीट महिला के लिए आरक्षित है। इसलिए किसी नेता की पत्नी की बजाय महिला मोर्चा से ही किसी साथी को मेयर का प्रत्याशी बनाया जाए।

खबर ये है कि विवाद बढ़ते देख प्रदेश नेतृत्व ने गाजियाबाद के सभी जनप्रतिनिधियों और प्रमुख पदाधिकारियों को लखनऊ में शाम को महत्वपूर्ण बैठक होगी। यहां से सबकी राय से नाम सुझाकर नए सिरे से पैनल बनेगा और फिर वो दिल्ली भेजा जाएगा। दिल्ली से संभवत: 22 अप्रैल को नाम घोषित कर दिया जाएगा।

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