उत्तर प्रदेश

फांसी की मांग वाले नाराें के बीच उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद समेत तीन काे उम्रकैद की सजा, सात आरोपी बरी

संवाददाता

प्रयागराज । सत्रह वर्ष पुराने उमेश पाल अपहरण केस में मंगलवार को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ सहित 10 आरोपियों को एमपीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने अतीक अहमद, खान शौकत हनीफ अधिवक्ता और दिनेश पासी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बाकी सात आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। अतीक अहमद समेत तीनों दोषियों को 364 ए में दोषी करार दिया गया है। बाकी धाराओं में बरी कर दिया गया है। 

नैनी जेल से अतीक अशरफ सहित सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दिनेशचंद्र शुक्ल की अदालत में पेश किया जाएगा। नैनी जेल से लेकर कचहरी तक पूरे रूट पर सुरक्षा का व्यापक बंदोबस्त किया गया है।

उमेश पाल का अपहरण कर किया था टॉर्चर

उमेश पाल ने पांच जुलाई 2007 को धूमनगंज थाने में उस समय सांसद रहे अतीक अहमद, उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ, दिनेश पासी, खान सौकत हनीफ, अंसार बाबा के खिलाफ अपहरण कर विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में अपने पक्ष में बयान करने का आरोप लगाया था। धूमनगंज पुलिस ने उमेश पाल की तहरीर पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 364, 323, 341, 342, 504, 506, 34, 120बी और सेवन सीएल अमेंडमेंट एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की।

जांच के दौरान जावेद उर्फ बज्जू, फरहान, आबिद, इसरार, आसिफ उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर का नाम सामने आया। पुलिस की रिपोर्ट दाखिल होने के बाद कोर्ट ने 2009 में आरोप तय कर दिए। इसके बाद अभियोजन की ओर से कुल आठ गवाह पेश किए गए। जिसमें खुद उमेश पाल और उसके एक रिश्तेदार के अलावा दो जांच अधिकारियों के साथ छह पुलिस कर्मी शामिल थे।

54 गवाह किए गए थे पेश

पक्षकारों की तरफ से (अतीक अहमद, अशरफ सहित अन्य आरोपियों) अपने बचाव के लिए कुल 54 गवाह पेश किए गए। केस की सुनवाई में देरी होने पर वादी उमेश पाल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर केस की सुनवाई जल्दी पूरी करने की मांग की। कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए ट्रायल कोर्ट को दो महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। उसके बाद से ही उमेश पाल अपहरण कांड में रोजाना सुनवाई होने लगी।

24 फरवरी को जिस दिन उमेश पाल की हत्या हुई, इसी केस के सिलसिले में वह कोर्ट से ही लौटे थे। उस दिन बचाव पक्ष की ओर से बहस हो रही थी। उमेश सुनवाई के बाद तकरीबन साढ़े चार बजे जैसे ही घर पहुंचे, बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी। इस मामले में भी अतीक, अशरफ, अतीक के बेटे सहित उसकी पत्नी को आरोपी बनाया गया।
इस मामले में कोर्ट ने 17 फरवरी को सुनवाई पूरी कर ली थी और 28 फरवरी को फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की गई थी।

अतीक को फांसी दो-फांसी दो’ के लगे कोर्ट में नारे, माफिया को जूते की माला पहनाने पहुंचा वकील

प्रयागराज नैनी सेंट्रल जेल से अतीक अहमद, अशरफ और फरहान को भारी सुरक्षा के बीच पुलिस जैसे ही एमपी एमएलए कोर्ट लेकर पहुंची अधिवक्ता वरुण देव पाल जूते की माला निकालकर अतीक अहमद के प्रिजन वैन के सामने आ गए और अतीक विरोधी नारे लगाने लगे। इसके साथ ही जब अतीक को कोर्ट रूम ले जाया जा रहा था तो पूरे परिसर में वकील फांसी दो फांसी दो और अतीक अहमद मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।

मीडियाकर्मियों के पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, हम अतीक अहमद को फांसी की सजा या उम्र कैद की सजा की मांग कर रहे हैं। जैसे ही अतीक अहमद और उनके सहयोगियों को सजा होगी हम उनको जूते की माला पहनाएंगे, इसलिए पहले से ही जूते की माला तैयार कर ली है।

उनका कहना है कि उमेश पाल हम लोगों का भाई था और इन लोगों ने जिस तरह उसकी हत्या की है उससे हम अधिवक्ता काफी आहत हैं और हम अधिवक्ता पूरे परिवार के साथ खड़े हैं।

मीडियाकर्मियों ने सवाल किया कि अतीक अहमद माफिया है, डर नहीं लगता पर वकील वरुण ने कहा कि हम पाल बिरादरी से हैं। हम लोग गाय भैंस बकरी चराने वाले हैं। हम लोगों को अब किसी से डर नहीं लगता है। अगर मौका दिया जाएगा तो हम लोग अतीक अहमद से अकेले ही निपट लेंगे और अतीक अहमद का किसी तरह भय प्रयागराज सहित पूरे प्रदेश में नहीं रह गया है।

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