दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज, 3 जुलाई को अचानक लेह पहुंच गए। यहां उन्होंने लद्दाख के नीमू पोस्ट में थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने यहां जवानों के साथ संवाद भी किया। प्रधानमंत्री मोदी के यहां आने से सेना का मनोबल बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लेह पहुंचकर चीन को तगड़ा संदेश दिया। लेह में जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब विस्तारवाद का जमाना गया। चीन पर निशाना साधते हुए उन्होंने साफ कहा कि विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है। ये युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते हुए समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है। विकासवाद के लिए ही अवसर है और विकासवाद ही भविष्य का आधार है। बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया, मानवता का विनाश करने का प्रयास किया। विस्तारवाद ने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या सिकुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं।
चीन को करारा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों से कहा कि आप उसी धरती के वीर हैं, जिसने हजारों वर्षों से अनेकों आक्रांताओं के हमलों और अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। हम वो लोग हैं जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं, वहीं सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी अपना आदर्श मानते हैं।
जवानों के संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, वीर भोग्य वसुंधरा। यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही मातृभूमि की रक्षा करते हैं। ये धरती वीर भोग्या है। इसकी रक्षा-सुरक्षा को हमारा सामर्थ्य और संकल्प हिमालय जैसा ऊंचा है। ये सामर्थ्य और संकल्प में आज आपकी आंखों पर, चेहरे पर देख सकता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है। जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है, तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है।
जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपका ये हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है। आपकी जीवटता भी जीवन में किसी से कम नहीं है। जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा, उसकी सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता।
जवानों का उत्साह बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां, आप तैनात हैं। आपका निश्चय, उस घाटी से भी सख्त है, जिसको आप रोज अपने कदमों से नापते हैं। आपकी भुजाएं, उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं। आपकी इच्छा शक्ति आस पास के पर्वतों की तरह अटल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को आज पुनः श्रद्धांजलि देता हूं। उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी, उनका जयकारा कर रही है। आज हर देशवासी की सिर, आपके सामने आदरपूर्वक नमन करता है। आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है। 14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ है। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है। भारत के दुश्मनों ने आपकी फायर भी देखी है और आपकी फ्यूरी भी।
लेह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने लिखा था कि-
जिनके सिंहनाद से सहमी
धरती रही अभी तक डोल,
कलम, आज उनकी जय बोल।
मैं आज अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं।
उन्होंने कहा कि आज लद्दाख के लोग हर स्तर पर चाहे वो सेना हो या सामान्य नागरिक के कर्तव्य हों, राष्ट्र को सशक्त करने के लिए अद्भुत योगदान दे रहें हैं।
उन्होंने कहा कि भारत आज जल, थल, नभ और अंतरिक्ष तक अगर अपनी ताकत बढ़ा रहा है, तो उसका लक्ष्य मानव कल्याण ही है। भारत आज आधुनिक अस्त्र शस्त्र का निर्माण कर रहा है, दुनिया की आधुनिक से आधुनिक तकनीक भारत की सेना के लिए ला रहें हैं, तो उसके पीछे की भावना भी यही है।
यह इलाका लेह से द्रास की तरफ पड़ता है। यह बॉर्डर की फॉरवर्ड लोकेशन है। नीमू अग्रिम पोस्ट समुद्री तल से करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद है। इसे दुनिया की सबसे ऊंची और खतरनाक पोस्ट में से एक माना जाता है। यह इलाका सिंध नदी के किनारे पर और जांस्कर रेंज से घिरी हुई बहुत ही दुर्गम जगह है।
प्रधानमंत्री मोदी का नीमू अग्रिम पोस्ट का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। यह भी माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने सीमा पर पहुंचकर सैनिकों में जोश भरने के साथ चीन को सख्त संदेश दे दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरे की जानकारी फेसबुक पेज पर साझा की है। प्रधानमंत्री ने लिखा है कि नीमू में हमारे बहादुर सशस्त्र बल के जवानों के साथ बातचीत की।