प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कोलकाता बंदरगाह का नया नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह करने की मंजूरी दे दी है। कोलकाता बंदरगाह ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने 25 फरवरी 2020 को हुई अपनी बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को बहुआयामी प्रतिभा के धनी के रूप में ध्यान में रखकर कोलकाता बंदरगाह को नया नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी करने की मंजूरी दे दी थी।
कोलकाता बंदरगाह की 150वीं जयंती के उद्घाटन समारोह के अवसर पर 12 जनवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य समारोह में भाग लेते हुए पोर्ट ट्रस्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने का ऐलान किया था
कोलकाता बंदरगाह पहला प्रमुख बंदरगाह होने के साथ साथ नदी के किनारे स्थित देश का पहला बंदरगाह है। कोलकाता बंदरगाह ने अपनी यात्रा के 150 वर्ष तय किए हैं। यह व्यापार, वाणिज्य और आर्थिक विकास के लिए भारत का मुख्य द्वार है। यह आजादी के लिए भारत के संघर्ष, प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध तथा देश में, विशेषकर पूर्वी भारत में हो रहे सामाजिक-आर्थिक बदलाव का गवाह भी रहा है।
आमतौर से भारत में प्रमुख बंदरगाहों के नाम शहर अथवा उस कस्बे के नाम पर हैं जहां वे स्थित हैं, हांलाकि विशेष मामलों में अथवा जाने-माने नेताओं के योगदान पर गौर करने के कारण कुछ बंदरगाहों पहले भी महान राष्ट्रीय नेताओं के नाम पर नया नाम दिया गया।