देश

प्रवासी मजदूरों की वजह से 100 से अधिक जिलों में 7 दिन के अंदर साै फीसदी बढ़े कोरोना केस

नई दिल्ली। भारत के करीब 16 प्रतिशत जिलों में सात दिनों के ​अंदर कोरोना वायरस के केस 100 फीसदी से ज्यादा बढ़े हैं. इनमें से करीब आधे जिले ग्रीन जोन में हैं. 717 जिलों के 20 मई तक के आंकड़े का विश्लेषण किया गया, जिसमें यह बात सामने आई है. विशेषज्ञों और स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह उछाल मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों से अपने घरों को लौटे प्रवासी मजदूरों की वजह से आया है.

राजस्थान में डूंगरपुर जिले के आंकड़ों से पता चलता है कि सात दिनों में यहां कोविड-19 के केस में 1,500 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई. इसी तरह, बिहार के जमुई जिले में 1,300 फीसदी की वृद्धि देखी गई. इसके बाद उत्तर प्रदेश में बलिया और अंबेडकर नगर जिलों में सात दिनों में 1,100 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है. इसी तरह पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में 900 फीसदी और ओडिशा के कटक जिले में 750 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.

हालांकि, वास्तविक संख्या के लिहाज से देखा जाए तो केसों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन इन उभरते क्लस्टर्स में कोरोना वायरस संक्रमण की वृद्धि दर ने स्थानीय अधिकारियों के लिए एक नई चुनौती पैदा कर दी है. उदाहरण के लिए, सात दिनों में बिहार के जमुई में 14 और सुपौल में 26 केस सामने आए हैं. लेकिन अगर इस संख्या को फीसद में देखा जाए तो यह वृद्धि दर 100 फीसदी से ज्यादा है.

कुल 112 हाई रिस्क वाले जिलों में से एक-चौथाई उत्तर प्रदेश (27) में हैं, इसके बाद मध्य प्रदेश (11), ओडिशा (10) और बिहार (9) में हैं. ग्रीन जोन में आने वाले जिन 54 जिलों में सबसे तेज बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है, उनमें से 14 उत्तर प्रदेश के, सात ओडिशा और छह असम के जिले हैं.

मई के पहले सप्ताह में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ग्रीन जोन वर्गीकरण की व्याख्या करते हुए कहा कि ये ऐसे जिले हैं जहां पिछले 21 दिनों में या तो कोई केस सामने नहीं आया है.

यलो कैटेगरी के करीब 53 जिलों में कोरोना वायरस के केस में 100 फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है. इनमें उत्तर प्रदेश के 12 जिले, बिहार के सात और मध्य प्रदेश के पांच जिले शामिल हैं.

पांच जिले, जिन्हें सरकार ने रेड जोन में रखा है, वहां भी कोरोना के केसों में 100 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है. इनमें मध्य प्रदेश के खंडवा और ग्वालियर, ओडिशा का भद्रक, पश्चिम बंगाल का मालदा और उत्तर प्रदेश का रामपुर जिला शामिल है.

डीआईयू ने यह भी पाया कि भारत में कुल 303 जिलों में कोरोना वायरस के केसों में 99 फीसदी तक की वृद्धि देखी गई है.

आंकड़ों से पता चलता है कि 20 मई को पिछले ​सात दिनों में, करीब 136 जिलों में कोरोना वायरस के कोई केस सामने नहीं आए हैं. उम्मीद की यह किरण तेलंगाना, मध्य प्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश से आ रही है.

इन जिलों में कोरोना वायरस के नए केस सामने आने के कारणों में एक कारण प्रवासी मजदूर हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com