नई दिल्ली: देश-दुनिया में कहर मचाने वाली कोरोना वायरस से दिल्ली में कितने लोगों की मौत हुई है? यह कोरोना वायरस की तरह ही अबूझ पहेली बनती जा रही है. दरअसल, कोरोना वायरस से कितनी मौतें हुई है? इस पर दिल्ली सरकार के आंकड़े अलग हैं, और नगर निगम के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. जिससे साफ है कि अब आंकड़े की लीपापोती कौन कर रहा और क्यों की जा रही है.
सरकार ने निगम से मांगा था आंकड़ा
दरअसल, कोरोना वायरस के चलते दिल्ली में हुई मौत पर पिछले कुछ दिनों से सवाल उठने लगे, तब दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सचिव पदमिनी सिंघला ने उत्तरी और दक्षिणी नगर निगम से 17 मई तक श्मशान घाटों में हुए अंतिम संस्कार के आंकड़े देने को कहा था.
निगम के आंकड़ें चौकाने वाले
पुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम के अधीन आने वाले बड़े श्मशान घाट और कब्रिस्तान में कोरोना से हुई मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए जो प्रोटोकॉल बनाये गए हैं, इस प्रोटोकॉल के तहत 672 शवों का अंतिम संस्कार हुआ है.
इन शमशान घाट/कब्रिस्तान में कोविड प्रोटोकॉल के तहत हुआ है अंतिम संस्कार
निगम बोध शमशान घाट – 292
पंजाबी बाग शमशान घाट – 218
आईटीओ कब्रिस्तान – 129
मंगोलपुरी कब्रिस्तान – 11
बुलंद मस्जिद कब्रिस्तान – 22
इन पांच श्मशान घाट और कब्रिस्तान में जो 672 शवों का संस्कार हुआ है उसमें कोरोना से हुई मौत के लिए जो प्रोटोकॉल बनाया गया है उसके तहत अंतिम संस्कार हुए हैं. इसकी जानकारी नगर निगम ने दिल्ली सरकार को दी है. लेकिन दिल्ली सरकार की तरफ से अभी भी कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा 200 से कम ही दिखाया जा रहा है
मौत को लेकर सरकार के दिशानिर्देश
कोरोना से हुई मौत के मामले पर सवाल उठे तब दिल्ली सरकार ने नई दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति की कोरोना के कारण मौत हुई, तभी मानी जाएगी यदि व्यक्ति की मौत से पहले ही उसका कोरोना की जांच हुई हो या फिर गंभीर हालत में कोरोना के लक्षण के साथ मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ हो या उसे डॉक्टर ने कोरोना का संदिग्ध माना हो.
लॉकडाउन के चौथे चरण में जिस तरह की रियायतें दी गई है, उसके बाद से संक्रमण का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में मौत की संख्या में भी बढ़ोतरी तय मानी जा रही है. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के नेता भी अब जिस तरह खुलकर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार अपनी खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को छुपाने के लिए ही कोरोना से हुई मौत के मामले को कम बता रही है. यह आम लोगों की जान के साथ सीधा खिलवाड़ है. क्योंकि उन्हें जब मौत के कम मामले की सूचना दी जाएगी तो वे उसे गंभीरता से इस वायरस को नहीं लेंगे. नतीजा होगा कि वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण करना मुश्किल हो जाएगा.