गाज़ियाबाद। गाज़ियाबाद: ड्यूटी के बाद डॉक्टर्स के घर लौटने के विवाद में आज ज़िला प्रशासन और IMA की बैठक होने जा रही है. फिलहाल गाज़ियाबाद ज़िला प्रशासन ने नगर निगम कमिश्नर के उस लेटर को निष्प्रभावी कर दिया है, जिसमें अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर और पैरामिडेकिल स्टाफ़ को अपने घर में न रहने की सलाह दी थी.
डॉक्टरों ने जताई थी नाराज़गी
गाज़ियाबाद के सीएमओ ने चिट्ठी लिखकर अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ़ को अपने घर न जाने की सलाह दी थी. इस चिट्ठी के बाद 5 मई को नगर निगम कमिश्नर ने पत्र जारी करके आर डब्यू ए को सोसायटी में रहने वाले डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ़ को लॉकडाउन तक दिल्ली में ही रहने की नसीहत देने को कहा. इस पत्र के जारी होते ही विवाद पैदा हो गया. डॉक्टरों ने इस पर ख़ासी नाराजगी जताई. मामले में एम्स के डॉक्टरों ने गृह मंत्रालय को चिट्ठी भी लिखी थी. जब विवाद ज़्यादा बढ़ने ललगा तो गाज़ियाबाद ज़िला प्रशासन ने पत्र को निष्प्रभावी कर दिया. साथ ही नगर निगम कमिश्नर से भी जवाब तलब किया है.
क्या था CMO की चिट्ठी में ?
सीएमओ ने अपील की थी कि गाज़ियाबाद से बाहर अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर लॉकडाउन तक वहीं रहें और गाज़ियाबाद में अपने घर वापस न आएं. नगरायुक्त दिनेश चंद्र ने अपर नगरायुक्त, जोनल प्रभारियों और सभी सफाई निरीक्षकों को अपने क्षेत्र की आरडब्ल्यूए और पार्षदों के साथ मिलकर लोगों से ये अपील करने के निर्देश दिए. उनका कहना था कि दिल्ली में आने-जाने वालों से गाजियाबाद में संक्रमण ज्यादा फैलने का खतरा बना हुआ है. सीएमओ की ओर से भी नगर निगम को पत्र भेजकर लोगों से अपील किए जाने के निर्देश दिए थे. उनका कहना था कि इस तरह से संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है.