दिल्ली

लॉकडाउन में गरीबों के मसीहा बन गए है पूर्वी दिल्‍ली के सांसद गौतम गंभीर

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग के मैदान पर टीम इंडिया के पूर्व ओपनर और पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर पूरी तरह उतर आए हैं। लॉकडाउन के बाद उन्‍होंने सबसे पहले अपनी सांसद पीएम केयर फंड में देने के साथ अपना सांसद वेतन कोरोना से जंग लडने के लिए दिया था। जिसके बाद सांसद में कोरोना से जंग लडने के लिए दान देने की होड मची थी। लॉकडाउन में पूर्वी दिल्‍ली के सांसद गौतम गंभीर गरीबों के लिए मसीहा बन गए है .

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मुश्किल के इस दौर में गौतम गंभीर की फाउंडेशन गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए खाने का इंतजाम भी करा रही है, जिनको कोराना वायरस के लॉकडाउन के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके तहत गंभीर अपने संसदीय क्षेत्र में गरीब लोगों को फुड पैकेट बांट रहे हैं।

कोरोना मरीजों के सामने पाकिस्‍तानी ...

सांसद गौतम गंभीर अब तक राशन किट के अलावा हर दिन 10,000 भोजन के पैकेट, 90,000 बेबी फूड किट बांट रहे हैं। एलएनजेपी और राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल को अब तक 1-1 हजार पीपीई किट समेत कुल 4200 पीपीई किट
तथा स्‍वास्‍थय कर्मियों को बांट चुके हैं। इसके अलावा फांउडेंशन की तरफ से सफाई कर्मियों, स्‍वास्‍थयकर्मियों और पुलिसकर्मियों को अब तक 15,000 एन95 मास्क बंअवाए हैं। रैन बसेरों और आश्रय घरों के लिए 2000 बिस्तर किट का वितरण उनकी तरफ से किया गया है।

Coronavirus: कोरोना संकट में गौतम गंभीर ने ...

संकट के इस दौर में पूर्वी दिल्‍ली के बेसहारा गरीब लोगों के लिए गौतम गंभीर देवदूत बन गए है। क्‍योंकि इन लोगों के बीच अब तक गंभीर 5 ट्रक आटा, 5 ट्रक चावल, 5 ट्रक दाल, 5 ट्रक रिफाइंड तेल तथा  5 ट्रक बच्चों का सेरेलक पाउडर बटवा चुके हैं।

गंभीर की मेड का निधन, अंतिम संस्कार करने के बाद बोले-परिवार के सदस्य जैसी थी

कोरोना वायरस के करण लॉकडाउन के हालात का सामना कर रही दुनिया में सबसे ज्यादा असर घरों में काम करने वाली मेड या दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि लोगों को अपने घरों में काम करने वाले लोगों की मदद करनी चाहिए। ऐसे गौतम गंभीर ने एक मिसाल पेश की है।  

दरअसल, गौतम की मेड का निधन हो गया है, उसके निधन से भावुक हुए गौतम गंभीर ने अंतिम संस्कार तक खुद किया।गंभीर की मेड का नाम सरस्वती पात्रा था और वह ओडिशा की रहने वाली थीं। सरस्वती शुगर और ब्लडप्रेशर से काफी लंबे समय से जूझ रही थीं।  कुछ दिनों पहले उन्हें दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 21 अप्रैल को इलाज के दौरान सरस्वती ने आखिरी सांसें लीं।

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