नई दिल्ली/गाजियाबाद। दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद बॉर्डर पर लगातार दूसरे दिन भीषण जाम लगा गया है। इससे जरूरी सामान की आपूर्ति के लिए लोगों के साथ डॉक्टरों और अन्य सरकारी महकमों के लोगों को परेशानी हो रही है। दरअसल, मंगलवार सुबह जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर चेकिंग के चलते ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा हो गई है।
वहीं, कौशांबी व यूपी गेट सीमा पर भी दिल्ली जाने व आने वालों को रोक दिया गया है। मीडियाकर्मियों को भी आईकार्ड दिखाने पर नहीं आने-जाने दिया जा रहा।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिलाधिकारी का आदेश है, पासधारक को ही प्रवेश दिया जाएगा।
गौरतलब है कि लॉकडाउन में प्रभावित हो रहे कामकाज को पटरी पर लाने के लिए 33 फीसद केंद्रीय कर्मियों को काम की छूट देना राजधानी के लिए मुसीबत का सबब बन गया।
नियमों में राहत मिलते ही विभागों ने मनमाने तरीके से कर्मचारियों को बुला लिया। नतीजतन बड़ी संख्या में वाहन बाहर निकलने से राजधानी की कई सड़कों पर जाम (लॉक) लग गया।
दरअसल, गृह मंत्रालय ने सोमवार से 33 फीसद कर्मचारियों को काम पर लौटने का निर्देश जारी किया था। इसके लिए आइ कार्ड दिखाकर कर्मचारियों को कार्यालय आने-जाने की छूट दी गई है।
इसके लिए अलग से कर्फ्यू पास जारी नहीं किया गया। छूट की आड़ में बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी भी सड़कों पर निकल पड़े, जिनकी ड्यूटी ही नहीं लगी थी। पूरी दिल्ली में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए जगह-जगह पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड की वजह से शाम को इंद्रप्रस्थ से एनएच-9 पर जाने वाले मार्ग, विकास मार्ग, आइटीओ आदि सभी इलाकों में कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। कर्मचारियों की मनमानी से राजधानी में लॉकडाउन का पालन कराना भी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुआ। आने वाले दिनों में पुलिस के लिए यह चुनौती और बड़ी होने वाली है। यही नहीं बैरिकेड पर हर वाहन की चेकिंग करना पुलिस के लिए संभव नहीं होगा, ऐसे में लोग इस छूट का फायदा उठाकर मनमानी जगहों पर भी पहुंचने में सफल हो सकते हैं।
ऐसे में कोरोना के संक्रमण पर काबू पाने के सरकारी मंसूबों पर पानी फिर सकता है। सख्त नियमों के साथ ही मिले छूट वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि गृह मंत्रालय ने 33 फीसद केंद्रीय कर्मचारियों को काम पर लौटने के निर्देश दिए। लेकिन, इसके लिए आधार क्या होगा यह तय नहीं किया गया।
अधिकतर विभागों ने अपनी मर्जी से काम पर बुलाने के लिए कर्मचारियों की श्रेणी बना दी है। 50-50 फीसद कर्मचारियों को ए और बी श्रेणी में बांट दिया। ए श्रेणी के 50 फीसद कर्मचारियों को सोमवार से काम पर लौटने को कहा गया। इनमें जिनके पास अपने वाहन हैं, वे तो अपने वाहन से कार्यालय आए। कुछ लोग दफ्तर की बसों व अन्य वाहनों से भी पहुंचे।
बसों में टूटे शारीरिक दूरी के नियम
पटियाला हाउस कोर्ट के पास स्थित एक कार्यालय के कर्मचारियों को आने-जाने के लिए ब्लू लाइन बस की सुविधा दी गई। इसमें शारीरिक दूरी का नियम टूटता हुआ दिखाई दिया। ऐसे में राजधानी में बढ़ते कोरोना के संकट को कितना थामा जा सकेगा। यह कहना मुश्किल है। इधर, टूटते नियमों से कर्मचारी भी चिंतित दिखाई दिए।