नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने लॉकडॉउन के दौरान दिल्ली में करीब 13.25 लाख लोगों तक राशन और भोजन पहुंचाया है। आरएसएस के विभिन्न अनुषांगिक संगठन इस काम में दिन-रात लगे हुए हैं। संघ ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर मदद कार्यों का ब्योरा दिया। बयान के मुताबिक, देशव्यापी लॉकडॉउन के दौरान दिल्ली में गरीबों, दिहाड़ी मजदूरों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए संघ के कार्यकर्ता खाने-पीने की वस्तुओं, राशन व दूसरी जरूरी चीजों की व्यवस्था कर रहे हैं। इस काम में दिल्ली के 9,745 स्वयंसेवक जुटे हुए हैं।
बयान के अनुसार, संघ ने सबसे पहले जरूरतमंदों को नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराना शुरू किया। राष्ट्रीय राजधानी में 179 स्थानों पर सामुदायिक रसोई के माध्यम से लोगों को ताजा खाना परोसा गया। बहुत से लोग भोजन के लिए सामुदायिक रसोई तक नहीं पहुंच पाए थे। ऐसे लोगों के घरों और मोहल्लों में जाकर स्वयंसेवकों ने 28,62,312 भोजन के पैकेट प्रदान किए। संघ के तमाम अनुषांगिक संगठनों ने राजधानी में 910 जगहों पर लोगों की मदद के लिए सहायता और सेवा केंद्रों का संचालन किया। इन केंद्रों के माध्यम से 1,22,468 राशन किट जरूरतमंदों को बांटी गई।
सेवा भारती ने कई हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए थे। इन पर 550 छात्रों ने फोन कर सहायता मांगी थी, जो उन्हें तत्काल मुहैया कराई गई। हॉस्टल और पीजी में रहने वाले 1,917 छात्रों को भी लॉकडॉउन के दौरान मदद दी गई। दिव्यांगजनों के लिए भी एक फोन सेवा आरंभ की गई थी, जिस पर 171 लोगों ने फोन कर सहायता की अपील की।
फुटपाथ पर ही गुजर-बसर करने वाले 2,700 परिवारों तक पहुंचकर संघ के कार्यकर्ताओं ने उन्हें राशन किट प्रदान की। इसी तरह दिल्ली के रेडलाइट क्षेत्रों में भी स्वयंसेवकों ने 983 लोगों को राशन किट और भोजन के पैकेट प्रदान किए। दिल्ली में मानवीय आधार पर संघ ने 7.5 कुंटल हरा चारा गौसेवा के लिए गायों और गोवंश को डाला। 447 जगहों पर पक्षियों को दाना-पानी उपलब्ध कराने का काम किया। आवारा कुत्तों को दूध और बिस्किट दिए गए। लॉकडॉउन के कारण बहुत से परिवार के बच्चों को दूध की किल्लत हो गई थी। इसकी जानकारी मिलते ही संघ के स्वयंसेवकों ने ऐसे 1,336 बच्चों को नियमित तौर पर दूध पहुंचाने का काम किया।