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कोरोना से जंग में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी बढ़ाया हाथ, पीएम और सीएम राहत फंड में दी मदद

प्रयागराज : इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में 3.31 करोड़ रुपये की सहायता दी है. यह रकम हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति, प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों और न्यायपालिका के कर्मचारियों और अधिकारियों के सहयोग से जुटाई गई है. इसके अतिरिक्त चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर ने मुख्यमंत्री राहत कोष को एक लाख रुपये की अलग से सहायता दी है. इसका चेक उन्होंने जिलाधिकारी प्रयागराज के माध्यम से भेजा है.

इसके अलावा इलाहाबाद हाइकोर्ट प्रतिदिन 125 खाने के पैकेट जिला प्रशासन को उपलब्ध करा रहा है. इसके साथ यूपी न्यायिक शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ ने रसोई स्थापित की है, जहां से हर दिन 125 पैकेट खाने के लखनऊ प्रशासन को गरीबों और जरूरतमंदों में वितरण के लिए दिए जा रहे हैं. हाइकोर्ट ने अपने ड्रमंड रोड प्रयागराज स्थित गेस्ट हॉउस में 10 कमरे भी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वहां लोगों को क्वारंटाइन किया जा सके. इस बात की जानकारी रजिस्ट्रार (प्रोटोकॉल) आशीष कुमार श्रीवास्तव ने दी है.

भुखमरी की कगार पर मुंशी
उधर, लॉकडाउन की वजह से वकीलों के साथ कोर्ट में काम कर रहे और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोगों में शुमार मुंशियों (एडवोकेट्स क्लर्क) की भी परेशानी किसी से कम नहीं है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगभग 18 हजार के करीब प्रैक्टिस करने वाले वकीलों की संख्या है. सभी वकीलों के पास अपने मुंशी नहीं होते, लेकिन वे वकील भी अपने साथी के मुंशी से काम लेते रहते हैं और काम के एवज में उन्हें पैसे देते हैं. लेकिन, अब हजारों मुंशी तमाम कामगार लोगों की तरह बेरोजगार है.

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