नई दिल्ली: निजामुद्दीन मरकज के मुखिया मौलाना साद की बेटी का निकाह आज रविवार पांच अप्रैल को दिल्ली में होने वाला निकाह बदले हालातों के चलते आगे खिसका दिया गया है। तबलीगी जमात के कोरोना संक्रमण को लेकर बरती गई बड़ी लापरवाही का खुलासा होने के बाद से मुख्य आरोपी मौलाना साद ने अंडरग्राउंड चल रहे हैँ। हालांकि क्राइम ब्रांच को भेजे जवाब में मौलान का कहना हैकि वह अभी सेल्फ क्वारंटाइन में हूं। आइसोलेशन से निकलने के बाद सारे सवालों के जवाब दूंगा।
मौलाना साद की पत्नी सहारनपुर की रहने वाली हैं। उनके एक बेटी और तीन बेटे हैं। उनकी बेटी का निकाह पांच अप्रैल को दिल्ली में ही प्रस्तावित था। इसमें सहारनपुर के भी कुछ लोगों को शामिल होना था। मौलाना साद के खिलाफ मुकदमा कायम हो गया।
दूसरी ओर जाँच के बाद पुलिस को पता चला है मौलाना साद का उप्र के शामली (कांधला) में विशाल फार्म हाउस है। करीब 24 बीघे में फैले फार्म हाउस में सुख-सुविधा और मौज-मस्ती के पूरे इंतजाम हैं। इसमें स्वीमिंग पूल से लेकर लग्जरी गाड़ियों की पार्किंग व नौकरों के रहने की खास व्यवस्था है। चारों और विभिन्न प्रजातियों के फलदार पेड़ों से घिरी यह संपत्ति मौलाना साद को पुश्तैनी बंटवारे में मिली है। बेशकीमती फार्म हाउस को विशाल दीवारें चारों ओर से घेरे हैं। फार्म हाउस की रखवाली में छह कारिंदे लगे हुए हैं।
तब्लीगी जमात के अमीर (मुखिया) मौलाना साद मूलरूप से शामली जिले के कांधला कस्बे का रहने वाला है। हालांकि आजादी से पहले ही साद का परिवार दिल्ली में रहने लगा था। कांधला में उनकी पुश्तैनी जमीन व संपत्ति है। उसका जन्म दिल्ली में ही 10 मई 1965 को हुआ था। कांधला स्थित गांव मलकपुर-जिडाना की छोटी नहर के पास मौलाना साद का 24 बीघे का फार्म हाउस है। यह संपत्ति उन्हीं के नाम है। फार्म हाउस के लगभग तीन सौ गज के हिस्से को आवासीय रूप दिया गया है। इसमें आधा दर्जन से ज्यादा कमरे, लॉबी व बरामदें हैं। फार्म हाउस में एक स्वीमिंग पूल भी है। बताया जाता है कि यहां फिलहाल आधा दर्जन से ज्यादा लग्जरी गाड़ियां मौजूद हैं। फार्म हाउस की बाकी जमीन पर लॉन व सड़कें हैं। प्रवेश करने के लिए दो गेट हैं। सुरक्षा के लिहाज से बाउंड्री को बिजली के तारों से कवर किया गया है। फार्म हाउस के सभी कमरों को सजाया-संवारा गया है। यहां मौज-मस्ती की सभी सुविधाएं मौजूद हैं। पावर कॉरपोरेशन के अवर अभियंता संदीप कुमार के अनुसार, फार्म हाउस के आवासीय परिसर के लिए दस किलोवाट का आवासीय बिजली कनेक्शन मौलाना साद के बेटे यूसुफ के नाम से है, जबकि फार्म हाउस में पेड़ों व अन्य व्यवस्था के लिए दस किलोवाट का ट्यूबवेल कनेक्शन साद के नाम से है।
निजामुद्दीन प्रकरण से पहले यहां मौलाना साद के करीबियों का आना-जाना था, लेकिन मरकज में कोरोना को लेकर उपजे विवाद के बाद फार्म हाउस में बाहरी लोगों की आमद बंद कर अंदर से ताला लगा दिया गया है। बाउंड्री पर लगे तारों में अब बिजली आपूर्ति शुरू कर पालतू कुत्तों को भी सुरक्षा के लिए छोड़ दिया गया है।