नई दिल्ली। क्या देश में कोरोना वायरस का संक्रमण सामुदायिक स्तर पर होना शुरू हो गया? इस सवाल के जवाब में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महामारी विशेषज्ञ डॉ. आरआर गंगाखेड़कर ने कहा कि यह मंगलवार को पता चल पाएगा। उन्होंने रविवार को कहा, ‘हम अभी यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि कम्यूनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है या नहीं। मैथमेटिकल मॉडलिंग पर काम हो रहा है और हमें मंगलवार तक कुछ जानकारियां मिल जाएंगी।’
महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित
सूरत में 69 वर्षीय एक शख्स की मौत हो गई। गुजरात में कोविड-19 के ये पहले मरीज थे जिनकी मौत हुई। विदेश यात्रा का उनका कोई इतिहास नहीं था, लेकिन वो वायरस से प्रभावित दिल्ली और जयपुर जरूर गए थे। गुजरात में कोरोना के सात नए संक्रमित पाए गए जिनमें तीन की उम्र 60 वर्ष से ऊपर है। महाराष्ट्र कोरोना संक्रमण के मामले में देश का सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है जहां अब तक 74 लोगों में बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। राज्य में कोविड-19 के दो मरीजों की मौत भी हो चुकी है। वहीं, 67 मामलों के साथ केरल दूसरा जबकि 30 मामलों और एक मौत के साथ दिल्ली तीसरा सबसे ज्यादा प्रभावित प्रदेश है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का राज्यों को निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अगरवाल ने कहा कि राज्यों को अपने स्तर से जोखिम का आकलन करते हुए उन इलाकों की पहचान करने को कहा गया है जहां लॉकडाउन की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘वायरस बहुत दमदार है और इसके फैलने की गति बहुत तेज है।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने के लिए लॉकडाउन जरूरी है। अगरवाल ने बताया कि हरियाणा के झज्जर स्थित 800 बेडों के नैशनल केंसर इंस्टिट्यूट को कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए रिजर्व किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 1,200 वेंटिलेटर्स का ऑर्डर दिया गया है।
एक अच्छी खबर
अधिकारियों ने इसका भी संकेत दिया कि देश में कोरोना से संक्रमण के मामलों में वृद्धि की वजह पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिका, यूके जैसे बुरी तरह प्रभावित देशों से भारतीयों की वापसी हो रही है। अच्छी बात यह है कि साढ़े चार साल की एक लड़की असम की पहली संदिग्ध के रूप में सामने आई थी, लेकिन जांच में संक्रमण नहीं पाया गया।
लापरवाही का उदाहरण
राजस्थान के जोधपुर का एक 39 वर्षीय शख्स ट्रेन से दिल्ली से जयपुर गया था। उसमें कोरोना का संक्रमण पाया गया है। इसके साथ ही राजस्थान में मरीजों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। वह हाल ही में तुर्की गया था और 18 मार्च को लौटा था। वहीं, पंजाब में सात नए मामले सामने आए। इनमें बलदेव सिंह के परिवार के चार सदस्य शामिल हैं जिनका कोविड-19 से 18 मार्च को देहांत हो गया। बाकी तीन संक्रमितों में दो लोग बलदेव के साथ जर्मनी और इटली गए थे जबकि एक उनके गांव के सरपंच हैं। बलदेव के साथ जर्मनी-इटली जाने वालों में एक संत गुरबचन सिंह तो आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला समारोह में भी शामिल हुए थे। वहीं, तीसरे साथी दलजिंदर सिंह विदेश से लौटकर लोगों से खूब घुलते-मिलते रहे।
5% मरीजों को ही भर्ती कराने की जरूरत: ICMR
ICMR के महानिदेशक (DG) डॉ. बलराम भार्गव ने बताया, ‘80% मामलों में सामान्य बीमारी होती है। उन्हें संक्रमण का पता भी नहीं चलता है। 20% मामलों में कोविड-19 से बुखार और खांसी होती है और करीब 5% संक्रमितों को भर्ती कराने की जरूरत होती है।’ उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज अलग-अलग लक्षणों के आधार पर ही किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘कुछ दवाइयों के कॉम्बिनेशन आजमाए जा रहे हैं, लेकिन इलाज की अब तक कोई सटीक दवा नहीं मिल पाई है। इटली, अमेरिका और यूके में अब भी मौतें हो रही हैं जहां स्वास्थ्य तंत्र ज्यादा दुरुस्त है।’