नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रशासन और छात्रसंघ एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं. दरअसल जेएनयू में एक सड़क का नाम वीर दामोदर सावरकर मार्ग रख दिया गया है, जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने ट्वीट कर इसे शर्मनाक हरकत करार दिया है.
‘JNU की विरासत के लिए शर्म की बात है’
इसी को लेकर आइशी घोष ने अपने ट्विटर हैंडल से इसकी एक तस्वीर शेयर कर लिखा की यह जेएनयू की विरासत के लिए शर्म की बात है कि सावरकर का नाम इस यूनिवर्सिटी में दिया गया है. आइशी घोष ने आगे लिखा, सावरकर और उनके लोगों के लिए यूनिवर्सिटी में न पहले कोई जगह थी, न कभी होगी.
एबीवीपी ने किया स्वागत
वहीं जेएनयू के अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के इकाई ने इसका स्वागत कर रही है. एबीवीपी का कहना है कि हमारी ये बहुत पुरानी मांग थी, जो अब जाकर जेएनयू प्रशासन द्वारा इसको पूरा किया गया है. जेएनयू के एबीवीपी के सचिव गोविन्द डांगी ने भी इसका स्वागत किया है. साथ ही कहा है कि जेएनयू में और भी कुछ सेंटरों का नाम वीर सावरकर पर होना चाहिए.
हालांकि जेएनयू प्रशासन इसपर सामने आकर कुछ भी नहीं बोल रही है. लेकिन ऑफ कैमरा उनका कहना है कि जेएनयू कि हर सड़क एवं कई बिल्डिंगों को किसी न किसी महापुरुष के नाम पर रखा गया है. जो सड़क या कोई बिल्डिंग बिना नाम का है, उसका किसी न किसी महापुरुष के नाम पर रखा जा रहा है, इसमें कोई विवाद नहीं होनी चाहिए.