नई दिल्ली । चीन से होते हुए कोरोना वायरस का प्रकोप अब दुनियाभर में फैल रहा है। भारत में चीन से तो नहीं लेकिन इटली से आने वाले मेहमानों के जरिए इस बीमारी का आगमन हुआ है और अचानक तेजी के साथ इतने अधिक मामलें सामने आए है कि सरकार ने युद्धस्तर पर इससे निबटने के लिए आपातकालीन इंतजाम किए हैं। हमारे देश को इस बीमारी से इसलिए भी खतरा है क्योंकि भारत एक घनी आबादी वाला देश है। हमारे देश में स्वास्थ्य सुविधाएं भी यूरोपीय देशों जैसी नहीं हैं और शहरों में ज्यादा पलायन एक बड़ी चुनौती है।
अभी तक भारत में कोरोना वायरस के 23 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और इसकी संख्या आने वाले दिनों में तेजी से बढ़ भी सकती है। कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में 3,300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 96,000 लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में हैं। हांलाकि 1.3 अरब की आबादी वाले हमारे देश भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बहुत कम दिख रही हो लेकिन, विश्वा स्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने चेतावनी दी है कि चीन के बाहर मामले अब तेजी से बढ़ेगें। अमेरिका में इसके पांव पसार लेने से चिंता पहले ही बढ़ गई है। डर है कि अगर भारत में यह फैला तो वह इसका मुकाबला करने में हम कितने कामयाब होंगें। खासतौर से यह देखते हुए कि हमारे यहां हेल्थकेयर सिस्टम काफी कमजोर है। हांलाकि जानकारों की राय है कि सरकार ने जिस तत्परता और गंभीरता से इसकी रोकथाम के लिए उपाए शुरू किए है उससे भारत जल्द ही इस पर काबू पा लेगा।
क्यों ज्यादा है खतरा?
लेकिन कई कारणों से भारत के लिए दूसरों के मुकाबले खतरा ज्यादा है। न केवल भारत की आबादी बहुत बड़ी है, बल्कि यह घनी भी है। चीन में औसतन एक वर्ग किलोमीटर में क्षेत्र में रहने वालों की संख्या 148 होती जबकि भारत में प्रत्येक वर्ग किलोमीटर में 420 लोग रहते हैं। मुंबई के धारावी जैसे इलाकों में तो इसे फैलने में समय भी नहीं लगेगा। क्योंकि ये वायरस बातचीत करने खांसने और यहां तक की सांस लेने से फैलता है।
इसके अलावा भारत के पड़ोसी पाकिस्तान और बांग्लादेश में हालात और बुरे हैं। ये भारत के मुकाबले स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत कम पैसा खर्च करते हैं। इन देशों के रास्ते भी वायरस आ सकता है। पाकिस्तान का पहला मामला ईरान से आया था। ईरान मध्यपूर्व में इस महामारी का केंद्र बना हुआ है। यहां कोरोना वायरस से संक्रमित कम से कम 245 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। 26 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालात ये है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान ने चीन में फंसे अपने छात्रों को निकालने से मना कर दिया है। जबकि भारत पहले ही अपने हर नागरिक को वहां से वापस ला चुका है। चीन से आने वाले हर भारतीय को स्वास्थ्य जांच की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा है
देश में आने वाले यात्रियों पर है नजर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि अब तक कोरोना वायरस को काबू में रखने के भारत के प्रयास सराहनीय हैं। प्राधिकरण हवाई अड्डों, बंदरगाहों और बॉर्डर क्रॉसिंग से आने वाले लोगों की गहन जांच के बाद ही आने अनुमति दे रहे हैं। जिन देशों में संक्रमण फैला है वहां के नागरिकों के वीजा फिलहाल रद्द कर दिए गए है। बाकी देशों से आने वाले लोगों की भी एयरपोर्टस पर ही गहन जांच की जा रही है। सभी विदेशी डेलीगेट्स और मेहमानों की जांच की जा रही है।
भारत के साथ क्या है एक फायदा?
भारत और उसके अन्य दक्षिण एशियाई मुल्कों के साथ एक फायदा मौसम का है। हर प्रकार के कोरोना वायरस ठंडे, शुष्क मौसम में फैलते हैं। यही कारण है कि फ्लू का सीजन सर्दी में होता है। वहीं, उपमहाद्वीप में गर्मी आ रही है जो वायरस को भी फैलने से रोक सकता है।
बेशक भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए फंड कम है। लेकिन, संक्रामक रोगों से लड़ने में यहां विशेषज्ञता की कोई कमी नहीं है। मलेरिया, डेंगू और टीबी जैसे रोगों की रोकथाम में यहां के विशेषज्ञों ने कामयाबी पाई है। हांगकांग, इटली से लेकर जापान तक के धनी और स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत अधिक धन खर्च करने वाले देश भी कोरोना वायरस पर अंकुश लगा पाने में असफल साबित हुए हैं। दुनिया भर में किलर वायरस बनकर आंतक मचाने वाले कोरोना को हराने के लिए भारत में समूची सरकारी मशीनरी संभावित संकट से निपटने के लिए युद्धस्तरीय तैयारी में जुट गई है।
बरतनी होगी सावधानी
ध्यान रखने की बात है कि चीन से भारत की बड़ी सीमा लगती है। मिजोरम, अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, आसाम, सिक्किम, भूटान के रास्ते चीन के साथ हम लोगों की आवाजाही लगी रहती है। हम कुछ समय तक इस आवाजाही को प्रतिबंधित करना होगा साथ ही देश में चॉकलेट, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, कोल्ड कॉफी, फास्ट फूड, ठंडा दूध, बासी मीठा दूध, बड़ा पाव, बेकरी की बनी चीजें, पेस्टी, केक जैसे खाद्य पदार्थो के इस्तेमाल को बंद करना होगा। कम से कम अप्रैल महीने तक, जब तक की वातावरण का टेम्प्रेचर 34-35 डिग्री नहीं हो जाता। क्योंकि 30 से अधिक टेम्परेचर के बाद कोरोना वायरस स्वत: ही समाप्त हो जाने की जानकारी सामने आ रही है।
कोरोना वायरस के लक्षण इस प्रकार हैं:
कोरोनावायरस (कोवाइड-19) में पहले बुख़ार होता है। इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
● तेज बुखार और जुकाम का होना
● बुखार के बाद खांसी का आना
● वयस्क आमतौर पर असहज महसूस करते हैं, सिरदर्द और मुख्य रूप से श्वसन संबंधित
● अत्यधिक संक्रमण
उपाय
● सर्दी बिल्कुल नही होने दें।
● जुकाम बुखार आते ही क्रोसिन एडवांस सुबह, दोपहर, शाम को 1-1 गोली 2 बार लेवें।
● विक्स का इन्हेलर पास में रखें, जरूरी लगे तो इस्तेमाल करें।
● रात सोते समय नाक, कान, गले और माथे पर विक्स लगावें।
● होम्योपैथिक मैडिसन इन्फलूएंजा 200 की एक ड्राप हफ्ते में एक बार सोने से पहले आधा कप पानी में डाल कर ले, ये एक सुरक्षित बचाव है।
● लापरवाही बिल्कुल नही करें।
● डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।
सावधानी
● यात्रा करते वक़्त मास्क ज़रूर पहने।
● किसी भी जुकाम या सर्दी से पीड़ित व्यक्ति का तुरंत इलाज कराए।
● सांप और पक्षियों का सेवन बिल्कुल भी न करे ।
● किसी व्यक्ति से हाथ मिलाने के बाद बिना धोए अपने आंख को न छुए।
●सार्वजनिक स्थ्लों पर जांए तो वस्तुओं और लोगों को छूने से परहेज करें।