गाज़ियाबाद

संपादक की जो कार झांसी में है उसके नंबर पर आया बिना हेलमेट दुपहिया चलाने का चालान

गाजियाबाद। नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद यातायात नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माने से तो लोग पहले ही दहशत में हैं लेकिन पुलिस के ऑनलाइन चालान सिस्‍टम ने लोगों की दिक्‍कतों को ओर ज्‍यादा बढ़ा दिया है। गाजियाबाद में गाजियाबाद की ट्रैफिक पुलिस का एक ऐसा कारनामा सामने आया है जिसमें उसने एक ऐसी कार का चालान काट दिया जो पांच सालों से शहर में ही नहीं है। चालान भी गजब हुआ कार के नंबर पर बिना हेलमेट लगाकर दोपहिया वाहन चलाते कार स्‍वामी को जब ऑनलाइन चालान मिला तो उनके होश उड गए क्‍योंकि उनके पास न तो कोई दोपहिया वाहन है ना ही वे दुपहिया चलाना जानते हैं।

गाजियाबाद के इस बेमिसाल ट्रैफिक सिस्‍टम का शिकार बने हैं विशेष खबर समाचार पत्र व न्‍यूज पोर्टल के प्रधान संपादक व स्‍वामी विनीत कांत पाराशर। गाजियाबाद के नेहरू नगर द्वितीय में रहने वाले विनीत पाराशर ने अपनी पत्‍नी आस्‍था पाराशर को कई साल पहले यूपी-14बीएच-9804 नंबर की एक आई टेन कार खरीदकर दी थी। पांच साल पहले उनकी पत्‍नी कार को अपने मायके झांसी ले गई थी लेकिन लौटते वक्‍त कार में खराबी के कारण उसे वहीं छोड दिया तबसे यह कार झांसी में ही है।   

झांसी में खडी है सपादक की पत्नी की ये कार

लेकिन गाजियाबाद की सजग ट्रैफिक पुलिस ने तीन दिन पहले उनके घर ऑनलाइन चालान भेज दिया । पांच सौ रूपए जुर्माने के दंड में आरोप ये है कि यूपी-14बीएच-9804 नंबर के दुपहिया वाहन को बिना हेलमेट चलाया जा रहा था।  दिलचस्‍प बात ये है कि न तो चालान पर उस प्‍वाइंट को अंकित किया गया है जहां कथित वाहन ने यातायात नियम का उल्‍लंघन किया न ही उसमें दुपहिया वाहन या उसके चालक की कोई स्‍पष्‍ट तस्‍वीर अंकित है। ऑनलाइन चालान काटे जाने को लेकर कोई मैसेज भी अनीश के मोबाइल पर नहीं आया।

कार के नंबर घर पहुंचा बिना हेलमेट दुपिहया चलाने का ये ऑनलाइन चालान

अब ये चालान यातायात पुलिस द्वारा किया गया है या सिविल पुलिस द्वारा अभी स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है लेकिन इतना तय है कि पुलिस के ऑनलाइन चालान सिसटम में भारी गडबडी है। क्‍योंकि ऐसे कई मामलें प्रकाश में आ चुके है लेकिन तेजी से खुद को आधुनिक बनाने का दावा करने वाली गाजियाबाद पुलिस अभी तक अपने सिस्‍टम में सुधार नहीं कर सकी है।

ऐसे मामलों में यातायात पुलिस के अधिकारी सफाई देते है कि वाहन चालक का फोटो खींचकर ऑनलाइन चालान किया जाता है। दूर से कभी-कभार नंबर स्पष्ट नजर नहीं आता। ऐसे में एक-दो अंक आगे-पीछे होने पर गलत वाहन नंबर का चालान जनरेट हो जाता है। ऐसा ऑनलाइन चालान रद कर दिया जाता है। लेकिन सवाल ये है कि ऐसी गलतियां बार-बार क्‍यों दोहरायी जाती है। इससे लोगों को परेशानी होंने के साथ उनका समय भी खराब होता है।

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