नई दिल्ली । ‘असम को देश से अलग करने’ की बात कहने पर देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार जेएनयू छात्र शरजील इमाम को लेकर दिल्ली पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। क्राइम ब्रांच की हिरासत में भेजे गए शरजील को लेकर दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने पूछताछ के बाद खुलासा किया है कि वह घोर कट्टरपंथी है। दिल्ली पुलिस के सूत्र के मुताबिक, पूछताछ में यह बात सामने आई है कि शरजील इमाम विचार से काफी कट्टरपंथी है और उसका मानना है कि भारत को एक इस्लामिक राज्य होना चाहिए। पूछताछ में उसने यह भी माना है कि उसके अलग-अलग भाषणों के वीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।
दिल्ली पुलिस सूत्र की मानें तो पुलिस इस्लामिक यूथ फेडरेशन और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के साथ शरजील इमाम के कनेक्शन की भी जांच कर रही है। पुलिस सूत्र के मुताबिक, शरजील को अपनी गिरफ्तारी पर कोई पछतावा नहीं है। उसके सभी वीडियो फोरेंसिक साइंस लैब में भेजे गए हैं और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की जा रही है। बता दें कि शरजील अभी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की हिरासत में है।
छोटे शहर थे शरजील के नेक्स टारगेट
दिल्ली, अलीगढ़ और पटना समेत बड़े शहरों में देश विरोधी भाषण को लेकर सुर्खियों में आए शरजील इमाम की मंशा अब छोटे शहरों में लोगों को भड़काने की थी। उसका अगला कदम जिलों में सीएए और एनआरसी के नाम पर चल रहे धरना-प्रदर्शन में पहुंचना था। इससे पहले कि वह जिलों में लोगों की भावनाओं को भड़काने का काम करता वीडियो वायरल हो गया और गिरफ्तारी से बचने के लिए उसे गांव भागना पड़ा।
देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम को दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार (29 जनवरी) को 5 दिनों के लिए दिल्ली पुलिस अपराध शाखा (क्राइम ब्रांचः की हिरासत में भेज दिया। इमाम को कड़ी सुरक्षा के बीच शाम को मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक के आवास पर पेश किया गया।
बिहार से हुआ था गिरफ्तार
जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने को लेकर मंगलवार (28 जनवरी) को बिहार के जहानाबाद से उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शरजील कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में राजद्रोह का मामला दर्ज किये जाने के बाद से फरार था। शरजील को यहां एक अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया। दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ 25 जनवरी को मामला दर्ज किया था।
असम को देश से अलग करने की बात कही थी
16 जनवरी के एक ऑडियो क्लिप में इमाम को यह कहते हुए सुना गया कि असम को भारत के शेष हिस्से से काटना चाहिए और सबक सिखाना चाहिए क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है या उन्हें निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है। ऐसी खबर है कि उसने यह भी कहा था कि अगर वह पांच लाख लोगों को एकत्रित कर सकें, तो असम को भारत के शेष हिस्से से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है…अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है।