सुनील वर्मा
नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहा प्रदर्शन विधानसभा चुनाव का केन्द्र बिन्दु बन गयाहै। जिसके कारण पूरा चुनाव तेजी से धार्मिक ध्रुवीकरण ढ तरफ बढ़ रहा है। भाजपा के रणीनतिकारों को भरोसा है कि पांच फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबकुछ साफ साफ दिखाई देने लगेगा। भाजपा दिल्ली में एक नया प्रयोग कर रही है। इसके तहत उकसावे की राजनीति से लेकर राष्ट्रवाद बनाम गैर राष्ट्रवाद की बहस को हवा दी जा रही है। पूर्व भाजपा अध्यक्ष और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह इसी लाइन पर चलकर दिल्ली में चुनाव जीतने की पटकथा लिख रहे है। अमित शाह के इस राजनीतिक प्रयोग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी समर्थन हासिल है।
्मा
नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहा प्रदर्शन विधानसभा चुनाव का केन्द्र बिन्दु बन गयाहै। जिसके कारण पूरा चुनाव तेजी से धार्मिक ध्रुवीकरण ढ तरफ बढ़ रहा है। भाजपा के रणीनतिकारों को भरोसा है कि पांच फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबकुछ साफ साफ दिखाई देने लगेगा। भाजपा दिल्ली में एक नया प्रयोग कर रही है। इसके तहत उकसावे की राजनीति से लेकर राष्ट्रवाद बनाम गैर राष्ट्रवाद की बहस को हवा दी जा रही है। पूर्व भाजपा अध्यक्ष और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह इसी लाइन पर चलकर दिल्ली में चुनाव जीतने की पटकथा लिख रहे है। अमित शाह के इस राजनीतिक प्रयोग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी समर्थन हासिल है।
कदम दर कदम आगे बढ़ रही भाजपा
शाहीन बाग में महिलाएं 15 दिसंबर से प्रदर्शन कर रही हैं। यह प्रदर्शन नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर चल रहा है। जनवरी के दूसरे सप्ताह से देश के अन्य हिस्से में भी शाहीन बाग जैसा प्रदर्शन होने की खबर आई। भाजपा के एक बड़े नेता का कहना है कि शाहीन बाग के प्रदर्शन की मंशा उन्हें समझ में आ रही थी। प्रदर्शन में कांग्रेस, वामदल के बड़े नेता, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नेता और कुछ अन्य बड़े लोग जा रहे थे। बताते हैं इसे देखते हुए पार्टी में शीर्ष स्तर पर पहले वेट एंड वाच का निर्णय हुआ। भाजपा के कुछ नेताओं ने विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया में शाहीन बाग को लेकर बयान देना शुरू किया। अंत में पार्टी ने इसको लेकर ठोस रणनीति बनाई है। भाजपा ने स्टेप बाई स्टेप आगे बढ़ने का निर्णय लिया। सूत्र का कहना है कि शाहीन बाग का प्रदर्शन वह लोग कर रहे हैं, जो इस देश की संसद द्वारा पारित कानून को नहीं मान रहे हैं। इस प्रदर्शन में वह लोग शामिल हैं जो असम सहित देश के टुकड़े-टुकड़े करने का भाषण दे रहे हैं। यह सब भाजपा के टुकड़े-टुकड़े गैंग के बयान का समर्थन करता है।
अमित शाह ने खोल दिया है मोर्चा
भाजपा नेता का कहना है कि पार्टी अब प्रचार में उतर चुकी है। गृहमंत्री लगातार भाजपा का प्रचार कर रहे हैं। 31 जनवरी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में विधानसभा चुनाव प्रचार करेंगे। इसके अलावा दिल्ली के हर मतदाता के दरवाजे को खटखटाने का फैसला किया है। इसके लिए भाजपा के नेता, कार्यकर्ता, सांसद, छात्र संगठनों के लोग घर-घर जाएंगे। शाहीन बाग के प्रदर्शन का सच बताएंगे। भाजपा के इस प्रचार अभियान में कई राज्यों के पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री उतरेंगे। बताते हैं कि अमित शाह के दिल्ली में पिछले दिनों के प्रचार अभियान ने दिल्ली में राजनीतिक दलों के बीच में हलचल फैला दी है। बताते हैं 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस था। राजपथ पर राष्ट्र गणतंत्र दिवस मना रहा था और उसे चुनौती देने के लिए शाहीन बाग में गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी की गई थी। सूत्र का कहना है कि इससे भाजपा के संबंध में सकारात्मक संदेश गया है।
उकसावे की राजनीति से लिया दबाव में
उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, माडल टाउन से भाजपा प्रत्याशी कपिल मिश्रा, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मनोज तिवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, भाजपा के प्रवक्ता सांबित पात्रा के बयान ने शाहीन बाग में प्रदर्शन पर जमकर हलचल मचाई। योगी आदित्यनाथ का कानपुर में दिया भाषण और इस पर आई प्रतिक्रिया ने चुनाव रणनीतिकारों की आंखें खोल दीं। भाजपा कहीं भी रक्षात्मक नहीं हुई। बताते हैं शाहीन बाग में मणिशंकर अय्यर, दिग्विजय सिंह, जेएनयू छात्रसंघ की नेता आइशी घोष के बयानों ने भी भाजपा की काफी मदद की। अंत में पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एक रणनीति के साथ प्रचार अभियान में उतरे। अमित शाह ने चुनाव में मोर्चा खोल दिया है। भाजपा की इस आक्रमकता ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी को काफी हद तक रक्षात्मक बना दिया है।
केजरीवाल भी बोलने लगे हैं
एक युवा चुनाव रणनीतिकार का कहना है कि आम आदमी पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुप थे। आम आदमी पार्टी भी शाहीन बाग से संतुलित दूरी बनाकर चल रही थी। यहां तक कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय नेता भी मामले की गंभीरता समझकर चल रहे थे, लेकिन अमित शाह के प्रचार में उतरने के बाद सबकी स्थिति बदल गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी भाजपा के आक्रमक रुख का जवाब देने लगे हैं। बताते हैं मतदान की तारीख नजदीक आने तक दिल्ली विधानसभा चुनाव राष्ट्रवाद और गैर राष्ट्रवाद का पैटर्न ले सकता है। ऐसा होना पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में रहेगा।
शाहीन बाग के विरोध में तौहीन बाग
प्रशांत किशोर के साथ चुनाव प्रचार अभियान में काम कर चुके सूत्र का कहना है कि सोमवार को भाजपा ने बहुत सोच समझकर मोर्चा खोला है। पार्टी के फोरम से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भाजपा प्रवक्ता के रूप में आए हैं। रविशंकर प्रसाद ने साफ कहा है कि शाहीन बाग में देश तोड़ने वाले लोग बैठे हैं। रविशंकर प्रसाद ने इनकी तुलना टुकड़े-टुकड़े गैंग से की है। रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि इन लोगों को उन लाखों लोगों की चिंता नहीं है जिनके बच्चे महीने भर से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिल रहा है। रविशंकर प्रसाद ने इसी के साथ कहा कि हमने बार-बार बताया कि इस कानून से किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी। उन्होंने इस विरोध को मोदी विरोध का नाम दिया। भाजपा के सांसद साक्षी महाराज के बोल और बिगड़ गए हैं। उन्होंने शाहीन बाग का प्रदर्शन करने वालों को लेकर कहा है कि लातों के भूत बातों से नहीं मानने वाले। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा शाहीन बाग के विरोध को तौहीन बाग करार देते हैं। दिलचस्प है कि भाजपा का कोई नेता शाहीन बाग प्रदर्शन से सहानुभूति नहीं रख रहा है, लेकिन अरविंद केजरीवाल की पार्टी पर हमला बोलना जारी रखा है।
क्या है दिल्ली के भाजपा नेताओं को उम्मीद
पार्टी के प्रदेश कार्यालय पंत मार्ग पर लोगों की उम्मीद को अब पंख लगने लगे हैं। प्रत्याशी बनने में असफल रहने वाले एक नेता जी को भरोसा मिला है कि उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है। चुनाव बीतने के बाद उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। नाम न छापने की शर्त पर सूत्र का कहना है कि पांच फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा लड़ाई में नंबर वन दिखने लगेगी। सूत्र का कहना है कि राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व के मुद्दे पर जो भी दल कोई अन्य आधार बनाकर टकराएगा, उसे नुकसान उठाना पड़ेगा। बताते हैं भाजपा इन दोनों मुद्दों से पीछे नहीं हटेगी और दिल्ली के चुनाव का नतीजा काफी कुछ बदलाव के साथ आएगा।