उत्तर प्रदेश

नोएडा-लखनऊ में पुलिस आयुक्तों ने संभाला कार्यभार


दिल्ली। लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बादआज दोनों जगह पुलिस आयुक्त ने अपना कार्यभार संभाल लिया ! दोनों आयुक्तों ने कहा कि कमिश्नरी प्रणाली से पुलिस व्यवस्था मजबूत होगी, कानून व्यवस्था सुधरेगी व शहर के लोगों का जीवन सरल होगा।

नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद आज ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर स्थित जिला पुलिस मुख्यालय पहुंचकर नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह पदभार ग्रहण कर लिया। तेज-तर्रार छवि वाले आईपीएस अधिकारी आलोक सिंह नोएडा के पहले पुलिस कमिनश्नर बन गए हैं। कमिश्नर बनाए जाने से पहले वह अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र के पद पर तैनात थे।

लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने संभाला चार्ज

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लखनऊ पुलिस कमिश्नर के रूप में सुजीत पांडेय ने बुधवार को चार्ज संभाल लिया। एसएसपी ऑफिस में पांडेय ने पदभार संभाला। सुजीत लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर भी हैं। सुजीत पांडेय एसएसपी ऑफिस में ही बैठेंगे। वहीं, दोनों जॉइंट कमिश्नर गोमतीनगर स्थित एटीएस व आईजी रेंज के ऑफिस में बैठ सकते हैं। आईजी रेंज को पुलिस सिग्नेचर बिल्डिंग में बैठने की व्यवस्था की गई है।
कार्यभार ग्रहण करने के बाद पांडेय ने पत्रकारों से कहा, ‘हमारी पूरी कोशिश होगी कि मुख्यमंत्री और उच्चाधिकारियों ने हम पर जो विश्वास जताया है हम उस पर खरे उतरें। पिछले कुछ वर्षों में कानून-व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है और हम इसमें और अधिक सुधार लाना चाहेंगे। हम स्मार्ट पुलिसिंग करेंगे और जनता के प्रति ज्यादा संवेदनशील होकर काम करेंगे।’

उन्होंने आगे कहा, हमारी टीम चौबीसों घंटे काम करेंगी और एक अधिकारी दिन-रात यहां मौजूद रहेगा। जनता की समस्याओं को सुनेगा और काम करेगा।’ उन्होंने कहा कि बुधवार को ही लखनऊ में सभी पुलिस अधिकारी कार्यभार ग्रहण करेंगे और अभी से काम करना शुरू कर देंगे।

नोएडा के पहले कमिश्नर आलोक सिंह ने संभाला

नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद आज ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर स्थित जिला पुलिस मुख्यालय पहुंचकर नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह पदभार ग्रहण कर लिया। तेज-तर्रार छवि वाले आईपीएस अधिकारी आलोक सिंह नोएडा के पहले पुलिस कमिनश्नर बन गए हैं। कमिश्नर बनाए जाने से पहले वह अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र के पद पर तैनात थे!

पदभार संभालने के बाद आलोक सिंह ने कार्यालय में मीडिया को भी संबोधित किया। इस दौरान डीसीपी आईपीएस राजेश सिंह और मीनाक्षी कात्यान भी मौजूद रहे। आलोक सिंह का कहना है कि दिल्ली पुलिस के बारे में कहा जाता है उसकी कार्यप्रणाली देश भर की पुलिस में सबसे सर्वोच्च है। इसका श्रेय कहीं न कहीं कमिश्नरी प्रणाली को जाता है। उत्तर प्रदेश के शो विंडो नोएडा (गौतमबुद्धनगर) में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरु हुई कमिश्नरी प्रणाली से पुलिस व्यवस्था मजबूत होगी, कानून व्यवस्था सुधरेगी व शहर के लोगों का जीवन सरल होगा।

कमिश्नर आलोक सिंह ने कहा ”हमारी पूरी कोशिश होगी कि मुख्यमंत्री और उच्चाधिकारियों ने हम पर जो विश्वास जताया है हम उस पर खरे उतरें। पिछले कुछ वर्षों में कानून-व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है और हम इसमें और अधिक सुधार लाना चाहेंगे। हम स्मार्ट पुलिसिंग करेंगे और जनता के प्रति ज्यादा संवेदनशील होकर काम करेंगे। हमारे दल 24 घंटे काम करेंगे और एक अधिकारी दिन-रात यहां मौजूद रहेगा, जनता की समस्याओं को सुनेगा और काम करेगा।”

नोएडा पुलिस को तेज तर्रार 10 आइपीएस अफसर, 28 राजपत्रित पुलिस अधिकारियों के अलावा 1600 पुलिसकर्मी भी लगभग मिल गए हैं। क्षेत्र के हिसाब से देंखे तो जिले में दो नये थाने मिलाकर अब 24 थाने हो गए हैं। पहले सुरक्षा व कानून व्यवस्था को लेकर हर समय जब नोएडा पुलिस की तुलना दिल्ली पुलिस से होती थी तो नोएडा पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ता था।

अब यह तय करना कमिश्नर की जिम्मेदारी
पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद लखनऊ और नोएडा में थाने से लेकर जोन तक की व्यवस्था नए सिरे से होगी। डीजीपी ने मंगलवार को दोनों जिलों के पुलिस कमिश्नरों के साथ मीटिंग की और निर्देश दिए कि वे बुधवार तक अपने अफसरों के कार्यक्षेत्रों का बंटवारा कर दें। अब दोनों जिलों के पुलिस कमिश्नर तय करेंगे कि गठित जोन और परिक्षेत्रों में कितने-कितने थाने होंगे व किस उपायुक्त के साथ कौन अपर पुलिस उपायुक्त और कौन सहायक आयुक्त तैनात होगा।

पुलिस की जवाबदेही बढ़ गई
डीजीपी ने अफसरों से कहा कि कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस की जवाबदेही बढ़ गई है। जनता की सुरक्षा और सुविधाओं का और ज्यादा खयाल रखने की जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक, कमिश्नर सिस्टम से एडीएम, सिटी मैजिस्ट्रेट और एसीएम के अधिकार काफी कम हो गए हैं। अब ये अधिकारी सीआरपीसी के तहत कोई कार्रवाई नहीं कर सकेंगे।

अब जिला प्रशासन की यह प्राथमिकता
अब जिला प्रशासन की प्राथमिकता राजस्व वसूली के साथ इनसे जुड़े मामले निपटाना होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अब बैंक सहित सरकारी उपक्रमों से लोन लेने वालों से वसूली में तेजी आएगी। ऐंटी भू माफिया अभियान तेजी से चलाया जा सकेगा। शस्त्र जारी करने और रद करने के मामलों में भी जल्द फैसले होंगे

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नए सिस्टम से ये होंगे फायदे
1-अब पुलिस गुंडा, गैंगस्टर सहित अन्य निरोधात्मक कार्रवाई कर सकेगी।
2-जिले में कई आईपीएस अफसरों के तैनात होने से पुलिसिंग बेहतर होगी।
3-ट्रैफिक के लिए अब अलग से डीसीपी रैंक के अधिकारी की तैनाती होगी।
4-लखनऊ की आबादी ज्यादा है। यहां दो जॉइंट कमिश्नर सहित डीसीपी तैनात किए जाएंगे, इससे यहां समस्याओं का जल्द समाधान होगा।
5-लखनऊ शहर को दो नए थाने गोमतीनगर विस्तार और अंसल मिले हैं। और भी नए थाने मिल सकेंगे।
6-महिला अपराधों की रोकथमा, उनकी सुनवाई के लिए डीसीपी रैंक की महिला अधिकारी की तैनात की जाएगी, जो आरोपितों को कोर्ट में सजा दिलवाने तक पैरवी करेंगी।
7-किसी भी जुलूस, कार्यक्रम की अनुमति पुलिस दे सकेगी।
8-अडिशनल डीसीपी और एसीपी का कार्यक्षेत्र में बदलाव होगा। दो से तीन थानों की महज उनको मॉनिटरिंग करनी होगी। ऐसे में भ्रष्टाचार और कामकाज में हीलाहवाली पर भी रोक लेगी।
9-अब इंस्पेक्टर, दरोगा और सिपाहियों पर पैनी नजर रखी जा सकेगी।
10-पुलिस कमिश्नर सिस्टम से पुलिसिंग के बेहतर होने की उम्मीद

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