दिल्ली

खंडित मूर्तियों और विधायों को दी गयी भूमिगत समाधी

नई दिल्ली। आनंद विहार वार्ड में गत तीन वर्षों से एक विशेष प्रकार का स्वछता अभियान चलाया जा रहा है. क्षेत्र में यदा कदा रखी देवी देवताओं की खंडित विच्छित मूर्तियों, फोटो इत्यादि को दीपावली के तुरंत बाद से लगभग दो महीने तक एकत्रित किया जाता है, और फिर किसी पार्क में गड्ढा करके उन्हें भूमिगत समाधी दी जाती है. तत्पश्चात उस पर क्यारी बनाकर उसे सहेजा जाता है. कार्यक्रम में अखंड भारत मोर्चा के अध्यक्ष संदीप आहूजा जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. मूर्तियों को विसर्जित करने की अनोखी पहल की शुरुआत करने के लिए उन्होंने गुंजन गुप्ता को बधाई दी और कहा की ये कार्यक्रम बहुत पवित्र है और सभी को इसका अनुसरण करना चाहिए. ज़रूरी नहीं की जो मूर्ति हम पेड़ों के नीचे रख आते हैं, उसका सभी लोग सामान रूप से आदर करें. इसकी चिंता हमें ही करनी चाहिए. इस तरह से भूमिगत समाधी देकर हम उसपर यदि पेढ़ पौधे लगा दें तो उनपर पैर भी नहीं पड़ेगा और पर्यावरण की भी रक्षा होगी.

निगम पार्षद गुंजन गुप्ता

पूर्व निगम पार्षद महेंद्र आहूजा जी ने भी कार्यक्रम में सभी का प्रोत्साहन बढ़ाया और कहा की एक चलन हैं की खंडित मूर्तियों को हम बहते जल स्त्रोतों में विसर्जित कर देते हैं. लेकिन हमारी ही गलतियों के चलते वो यमुना और गंगा अब साफ़ नहीं रह गयी हैं. इस तरह की मुहीम आज के वर्तमान हालातों में और भी ज़रूरी हो जाती है. मुझे बहुत संतुष्टि है की जिस आनंद विहार वार्ड को मैंने इतने प्यार से सींचा, वो बागबान अभी भी हरा भरा है और इतने सीमित संसाधनों में भी निगम इतना अच्छा काम कर रही है और बावजूद इसके, नए से नए काम गुंजन गुप्ता अपने वार्ड के लिए ढूँढ कर लाती हैं.

भूमिगत समाधी के उपरान्त आनंद विहार निगम कार्यालय पर सभी उपस्थित एवं आने जाने वालों के लिए भंडारा भी आयोजित किया गया. निगम पार्षद गुंजन गुप्ता द्वारा रचित ये कार्यक्रम पिछले तीन सालों में कई गुना बड़ा हो गया है. इसकी प्रेरणा उन्हें कैसे मिली, ये पूछने पर गुंजन गुप्ता ने बताया, “मुझे व्यक्तिगत स्तर पर बहुत बुरा लगता था ये देखकर, की जिन्हें हम आराध्य मानकर पूरे साल सेवा भाव से उनके सामने हाथ जोड़ते हैं, उनके खंडित होने पर या दीपावली पर जैसा की चलन है, बदलने पर घर से बाहर कहीं पेढ़, पार्क या मंदिर के बाहर रख देते हैं | इन विधाओं के साथ वहां क्या होता है, ये कहना भी मुझे बहुत बुरा लगता है. बस यहीं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर मैंने इस तरह का स्वच्छता अभियान अपने वार्ड में चलाया. इससे हम अपने धर्म का अनादर होने से भी बचाते हैं और लोगों में भी जागरूकता आती है की अपने ही स्तर पर, अपने ही घरों में निकली हुई मूर्तियों का विसर्जन करें.”

कार्यक्रम के बाद भंडारा

कार्यक्रम में गुंजन गुप्ता ने सभी से अनुरोध किया की जब भी आप अपने घर में कोई नयी भगवन जी की मूर्ति लेकर आयें, तो साथ ही एक गमला भी ज़रूर खरीदें, जिसमें आप पुरानी मूर्ति को विसर्जित कर सकें. उस पर एक पौधा लगाकर उसके लालन पालन की ज़िम्मेदारी अपने घर के किसी बच्चे को दें. जिससे की ये चलन और आगे जा सके.

कार्यक्रम में कई राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला संघचालक यशपाल गुप्ता जी, जिला कार्यवाह मोहन अग्रवाल जी, अनुसूचित मोर्चा मंडल अध्यक्ष भगत राम जी, रविंदर शर्मा जी, पूर्व मंडल अध्यक्ष चन्द्रकांत पंडित जी, युवा मोर्चा जिला मंत्री रोहित तिहारा जी, शीतल तिवारी, विक्की तिवारी, श्याम अग्रवाल, आलोक गुप्ता, राकेश राजपूत, विजय कुमार, सुरेंदर कुमार, विमल सिंह, रमेश शर्मा, सहित कई क्षेत्रीय को-ओपरेटिव सोसाइटी एवं स्थानीय कोलोनी वासियों ने भी उपस्थिति दर्ज की.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com