नई दिल्ली । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी छात्र संगठन हिंसा के लिए एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से ट्वीट किया है कि विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के मामले में एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव ने जेएनयू के रजिस्टार, प्रोक्टर और रेक्टर को सोमवार को अपने ऑफ़िस बुलाया.
वहीं, जेएनयू के वाइस चांसलर जगदीश कुमार ने ट्विटर पर विश्वविद्यालय प्रशासन का बयान पोस्ट किया है और लिखा है, “जेएनयू प्रशासन कैंपस हिंसा का शिकार हुए घायल छात्रों के लिए बेहद दुखी और चिंतित है. जेएनयू प्रशासन कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा की कड़ी निंदा करता है.”
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू कैंपस में फ़्लैग मार्च किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है. वहीं, मानव संसाधन मंत्रालय ने जेएनयू रजिस्ट्रार से कैंपस की स्थिति पर तुरंत रिपोर्ट मांगी है.
गृह मंत्रालय ने ट्वीट किया है कि गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से जेएनयू हिंसा पर बात की है और उन्हें आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
गृह मंत्री ने संयुक्त पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी से इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं और जल्द से जल्द रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है.
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जेएनयू में हुई हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने सभी छात्रों से विश्वविद्यालय में शांति और उसका गौरव बनाए रखने की मांग की है.
दिल्ली स्थित मशहूर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के परिसर में रविवार शाम कई नक़ाबपोश हमलावरों ने हमले किए. हमालवरों ने हॉस्टलों में जाकर तोड़-फोड़ की और छात्रों पर हमला किया.
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों और वीडियो में हमलावरों को मुंह पर कपड़ा बांधे, हाथों में लोहे के रॉड और डंडे लिए विश्वविद्यालय परिसर में देखा जा सकता है.
चश्मदीदों का कहना है कि जेएनयू कैंपस में 50 से ज़्यादा लोग घुस आए और हमला करने लगे. हमले में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी बुरी तरह घायल हुई हैं.
एबीवीपी और वाम दल छात्र संघ के सदस्य एक दूसरे को हिंसा के लिए ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं. दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसने रविवार रात काे भी कैंपस में फ़्लैग मार्च किया है और फ़िलहाल हालात काबू में हैं.
जेएनयू पिछले कुछ महीनों से उथल-पुथल का केंद्र बना रहा है. पिछले महीने ही फ़ीस वृद्धि और हॉस्टल मैनुअल में बदलाव का विरोध कर रहे कई छात्र दिल्ली पुलिस की पिटाई में घायल हुए थे.