नई दिल्ली। हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से अब दिल्ली पुलिस भी यूपी की तर्ज पर वसूली कर सकती है. इसके लिए दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पुलिस ने मांग की है कि हाईकोर्ट इसके लिए क्लेम अधिकारी की नियुक्ति करे जो नुकसान का आंकलन कर इसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे.
क्लेम कमिश्नर नियुक्त करने की मांग
दिल्ली पुलिस की ओर से हाईकोर्ट में की गई. अपील में बताया गया है कि 16 अप्रैल 2009 को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऑर्डर पास किया था. जिसके मुताबिक अगर बड़े स्तर पर प्रदर्शनकारी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाएंगे तो हाईकोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर नुकसान की वसूली के लिए मशीनरी गठित करेगा. अगर एक से ज्यादा राज्यों में ऐसा होता है तो सुप्रीम कोर्ट इसके लिए कमेटी गठित करेगा.किसी जज या सेवानिवृत जज को क्लेम कमिश्नर और एक अन्य अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने ये भी बताया कि प्रदर्शन के दौरान करोड़ों रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है.
कई जगहों पर हुए थे विरोध प्रदर्शन
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजधानी दिल्ली में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. उनमें जामिया, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, जाफराबाद, सीलमपुर और दरियागंज समेत कई जगह शामिल हैं, जहां हिंसक प्रदर्शन हुआ और सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाई गई थी.खासतौर से जामिया और दरियागंज इलाके में विरोध प्रदर्शन ज्यादा हिंसक हो गया था. इसे लेकर 10 आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए हैं.
क्लेम कमिश्नर ऐसे करते हैं वसूली
सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट के निर्देश पर घटना की वीडियो और अन्य माध्यमों से क्लेम कमिश्नर नुकसान का आकलन करते हैं. इस तरह के प्रदर्शनों का आयोजन करने वाले और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से से रकम वसूली जाती है. क्लेम कमिश्नर एक रिपोर्ट हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पेश करते हैं, जिसके आधार पर ये तय किया जाता है कि किसने कितना नुकसान पहुंचाया ?