मुंबई । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे 30 दिसंबर को अपने कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं. हालांकि, इसे लेकर राज्य सरकार या राजभवन की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. कैबिनेट विस्तार के बारे में कांग्रेस नेता बाला साहब थोराट ने जानकारी दी है. दोपहर एक बजे नए मंत्री शपथ ले सकते हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजीत पवार को उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें हैं. उन्हें गृह मंत्री बनाए जाने की भी संभावना है.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस से 12 विधायकों को मंत्री बनाए जाने की खबर है. इनमें 10 कैबिनेट और दो राज्य मंत्री हो सकते हैं. एनसीपी से 12 कैबिनेट और चार राज्यमंत्रियों के शपथ लेने के कयास हैं. उधर शिवसेना से चौदह नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. इसमें 11 कैबिनेट और तीन राज्यमंत्री बनाए जाने की खबर है.
मंत्रिमंडल में अधिकतम 42 मंत्री
महा विकास अघाड़ी सरकार में वर्तमान में छह मंत्री हैं. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस से दो-दो मंत्री हैं, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल में अधिकतम 42 मंत्री हो सकते हैं. हालांकि, एनसीपी सूत्रों ने अजीत पवार का नाम अगले उप मुख्यमंत्री के लिए अंतिम माने जाने की बात कही है, लेकिन कांग्रेस के लिए बड़ा मुद्दा है कि वह अपने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण को उनकी वरिष्ठता के मुताबिक कहां-कैसे जगह देती है.
शिवसेना से कौन मंत्री?
सूत्रों के मुताबिक शिवसेना से गुलाब राव पाटिल, अब्दुल सत्तार, दादा भूसे, संजय रायमुलकर, बाचू काडू (प्रहर जनशक्ति पार्टी), राहुल पाटिल, प्रदीप जायसवाल, श्रीनिवास वंगा, रवींद्र वायकर या सुनील राउत, तानाजी सावंत, शंभूराजे देसाई, भास्कर जाधव, दीपक केसरकर, प्रकाश अबितकर, आशीष जायसवाल और संजय राठौड़ मंत्री बनाए जा सकते हैं.
एनसीपी-कांग्रेस से किसका नाम?
सूत्रों की मानें तो एनसीपी से अजीत पवार, धरमराव अत्रम, राजेश टोपे, नवाब मलिक, संग्राम जगतप, हसन मुशरीफ, अनिल देशमुख, अदिति तटकरे और राजू शेट्टी के मंत्री बनाए जाने की संभावना है. कांग्रेस से केसी पदवी, अमित झनक, यशोमति ठाकुर, अशोक चव्हाण, अमिन पटेल, अमित देशमुख, प्रनीति शिंदे, सतेज पाटिल, विश्वजीत कदम और जोगेंद्र कवाडे मंत्री बनाए जा सकते हैं. पृथ्वीराज चव्हाण के बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है.
बता दें, कुछ अहम मंत्रालय वर्तमान में शिवसेना और एनसीपी के पास हैं, जिसे कैबिनेट विस्तार के दौरान फेरबदल कर उन्हें सौंपा जा सकता है. उद्धव ठाकरे के लिए तीनों साझेदारों को उचित संख्या में उपयुक्त पोर्टफोलियो देना और संतुलन बनाना एक महत्वपूर्ण काम है. इसके साथ ही राज्य के पांच क्षेत्रों, महिलाओं और अलग-अलग जातियों व अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व देना भी एक चुनौती है.