नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अस्सी से नब्बे के दशक में देश के अंदर अनेक तरह की घटनाएं हुई. हमारे देश के लोगों को भ्रमित और गुमराह करके पड़ोसी देश ने हमारे देश में आतंकवाद फैलाया. सीआरपीएफ दुनिया का सबसे बहादुर सशस्त्र बल है. इतिहास को सीआरपीएफ के बहादुरी के किस्से को हमेशा स्थान देना होगा. 2181 जवानों ने बलिदान दिया है. अमित शाह ने सीआरपीएफ मुख्यालय के शिलान्यास के दौरान ये बात कही.
अमित शाह ने कहा कि 21 अक्टूबर 1959 को सीआरपीएफ के सिर्फ 10 जवानों ने अत्याधुनिक हथियारों से लैस चीन की टुकड़ी से लड़ाई लड़ी और बलिदान दिया. शाह ने कहा है कि त्रिपुरा और पंजाब में आतंकवाद पूरी तरह खत्म हो गया है. कच्छ के सरदार पोस्ट पाकिस्तानी हमले को भी सीआरपीएफ ने बचाया. जब तक सेना नहीं पहुंची सीआरपीएफ के जवान अपनी जगह पर डटे रहे.
गृह मंत्री ने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों को होने वाली दिक्कतों से देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री वाकिफ हैं. हम चाहते हैं कि हर जवान साल में अपने परिवार के साथ 100 बिताए.
अमित शाह ने कहा कि 100 छुट्टी को लेकर हमने इसके लिए कमेटी बना दी है. कुछ संस्थाओं को मैंने सॉफ्टवेयर बनाने के लिए कहा है. अगले बजट में उसके लिए प्रावधान आएगा. जवान साल में 100 दिन अगर वह अपने परिवार के साथ रहता है तो वह अपनी जिम्मेदारियों का बेहतर निर्वहन कर पाएगा. सिर्फ जवानों का हेल्थ चेकअप होता है लेकिन अब जवानों के मां-बाप बच्चे और पत्नी का भी हेल्थ चेकअप होगा.