वाराणसी. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत धर्म संकाय में मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में बीते 15 दिनों से जारी धरना खत्म हो गया. धरने का नेतृत्व कर रहे छात्र चक्रपाणि ओझा ने कहा कि कुलपति ने उन्हें आश्वासन दिया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा इस मामले में उचित कदम उठाया जाएगा.
छात्रों का कहना है कि बीएचयू प्रशासन ने इस पर निर्णय करने के लिए 10 दिनों का समय मांगा है. छात्रों ने कहा कि हम शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय पर ज्ञापन देंगे. इसके बाद अलग तरीके से आंदोलन खड़ा किया जाएगा. अब हम परीक्षा और कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे.
‘कल खोला गया था विभाग का ताला’
वहीं, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के विरोध में धरने पर बैठे छात्रों से कुलपति, संकाय प्रमुख एवं विभागाध्यक्ष समेत वरिष्ठ शिक्षकों और अन्य अधिकारियों ने गुरुवार को वार्ता की थी, जिसके बाद विभाग का ताला खोल दिया गया.
बता दें कि धरने पर बैठे छात्र शुक्रवार को भजन-कीर्तन करते नजर आए. धरने पर बैठे छात्र चक्रपाणि ओझा ने कहा कि वे प्रोफेसर फिरोज खान का विरोध नहीं कर रहे, बल्कि उनका विरोध नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता के खिलाफ है. धरना दे रहे छात्रों ने कहा कि हमारा विरोध नियुक्त प्रोफेसर द्वारा संस्कृत पढ़ाने को लेकर नही हैं. हमारा विरोध बस इतना है कि जो हमारी रीत, संस्कार को जानता ही नहीं वो शिक्षा कैसे देगा.