नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार राम मंदिर के लिए बनने वाले ट्रस्ट का बिल संसद के शीतकालीन सत्र में लाएगी. बिल में ट्रस्ट की सभी शक्तियों और सदस्यों का उल्लेख होगा. इसके अलावा वित्तीय शक्तियां भी इसी ट्रस्ट के पास होंगी. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के खर्च की पूरी निगरानी ट्रस्ट करेगा. ट्रस्ट में केंद्र, राज्य सरकार, राम मंदिर न्यास, निर्मोही अखाड़े के सदस्यों सहित रिटायर्ड जजों को शामिल किया जा सकता है. फिलहाल केंद्रीय गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय ट्रस्ट के प्रारूप पर अध्ययन कर रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर निर्माण के लिए मोदी सरकार की ओर से बनाए जाने वाले ट्रस्ट में 4 संगठनों को शामिल किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार, राम मंदिर को लेकर बनाए जा रहे ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा, रामजन्मभूमि न्यास, दिगंबर अखाड़ा और विश्व हिंदू परिषद को शामिल किया जाएगा. इस ट्रस्ट को तीन महीने में बनाया जाएगा. इसके बाद ट्रस्ट मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगा.
अभी हाल में विश्व हिंदू परिषद ने कहा था कि अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में अमित शाह को शामिल किया जाए. साथ ही प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हों और योगी आदित्यनाथ भी ट्रस्ट में शामिल हों.
बता दें, अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का गठन शुरू हो गया है. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के लिए नौकरशाहों की एक टीम गठित की गई है. वहीं, अटॉर्नी जनरल और कानून मंत्रालय से भी कानूनी राय ली जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार को 3 महीने के भीतर ही राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाना होगा.