नई दिल्ली: दिल्ली और आसपास के इलाकों में दूषित हवा और धुंध के कारण वायु प्रदूषण का संकट गहराने के लिये जिम्मेदार कारकों में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं का 27 प्रतिशत योगदान है. वायु प्रदूषण पर निगरानी करने वाली पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की संस्था ‘सफर’ के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में संभावित पश्चिमी विक्षोभ से हवा की सुस्त गति में इजाफे के कारण दूषित हवा से जल्द राहत मिलने की उम्मीद है. सफर द्वारा बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनायें पिछले तीन दिनों में बढ़ी हैं.
दोनों राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार 27 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने की घटनायें 7842 से बढ़कर 12027 हो गयीं जबकि 30 अक्टूबर को यह आंकड़ा 19869 पर पहुंच गया. वहीं हरियाणा में इन घटनाओं की संख्या 27 अक्टूबर को 476 से बढ़कर 3735 हो गयी और राज्य में 30 अक्टूबर को पराली जलाने की 4221 घटनायें दर्ज की गयी.
उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार को दिल्ली में पिछले दो दिनों की तरह ही हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गयी है. दिल्ली के वायुमंडल में वायु प्रदूषण के लिये जिम्मेदार पार्टिकुलेट तत्वों का सघन जमावड़ा बरकरार है. पीएम 2.5 के स्तर को बढ़ाने में पराली जलाने की घटनाओं का बृहस्पतिवार को योगदान 27 प्रतिशत रहा जबकि शुक्रवार को यह स्तर 25 प्रतिशत रहने की संभावना है.
इससे पहले दिल्ली में इसका स्तर अब तक के अपने उच्चतम स्तर 35 प्रतिशत पर पहुंच चुका है. सफर के अनुसार अभी दिल्ली की तरफ उत्तर पश्चिमी हवाओं का रुख बरकार है. देर रात हवा की गति में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुये दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में शुक्रवार को मामूली सुधार की उम्मीद की जा सकती है.
इसके अलावा बृहस्पतिवार को पाकिस्तान अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता को देखते हुये उत्तर पश्चिम भारत में दो नवंबर को इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है. सफर के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में दो नवंबर से सुधार अपेक्षित है. हवा की गति में बढ़ोतरी की उम्मीद को देखते हुये दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में दो नवंबर को सुधार की उम्मीद जताते हुये इसके गंभीर श्रेणी से घटकर, बहुत खराब श्रेणी में आने की संभावना है.