दिल्ली

पराली जलाने से खराब हुई दिल्ली में आबोहवा, हालात बिगड़ने की आशंका

नई दिल्ली। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से हुआ प्रदूषण हवा के रुख में बदलाव से पहुंचने के कारण राजधानी में हवा की गुणवत्ता फिर खराब स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, रविवार दोपहर बाद 97 अंकों की बढ़ोतरी के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 258 पर पहुंच गया। एक-दो दिन में हालात और बिगड़ने की आशंका है। सोमवार को हवा बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई है। इसके बाद अगले दो-तीन दिन हालात ऐसे ही बने रहेंगे।

वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 तक होने पर हवा की गुणवत्ता अच्छी मानी जाती है। 51-100 संतोषजनक, 101-200 के सामान्य, 201-300 खराब, 301 से 400 बेहद खराब की श्रेणी में रखा गया है जबकि सूचकांक इससे ज्यादा हो तो प्रदूषण का स्तर नाजुक माना गया है। संस्था सफर के मुताबिक, हवा के रुख में अचानक बदलाव से राजधानी में हवा की गुणवत्ता प्रभिवित हुई है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से उठा धुआं दिल्ली-एनसीआर में पहुंचने लगा है। 

रविवार को हवा में पीएम 2.5 13 फीसदी रहा, जो एक सप्ताह के दौरान सर्वाधिक है। शनिवार को यह शून्य था। सोमवार को इसके 19 फीसदी तक पहुंचने की आशंका है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, 15-20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के दिल्ली की तरफ बढ़ने की वजह से धूल कण बिखरने लगे थे। 21 अक्तूबर को इसकी दिशा में पूर्ण बदलाव की संभावना है। 

पिछले साल से ज्यादा जली पराली
सीपीसीबी के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की अब तक 3000 घटनाएं हो चुकी हैं। 25 सितंबर से इनमें लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले साल सितंबर के आखिरी सप्ताह में ऐसी 2600 घटनाएं हो चुकी थीं, जिनमें 400 तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। 15 अक्तूबर से 15 नवंबर के बीच ऐसी घटनाओं में और इजाफा होने की आशंका है। पराली जलाने पर दोनों राज्यों में पाबंदी है, फिर भी इनका सिलसिला थम नहीं रहा है।

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